पीएम मोदी डिग्री विवाद: दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली यूनिवर्सिटी से मांगा जवाब, अगली सुनवाई 16 जनवरी को

दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की डिग्री विवाद से जुड़ा मामला एक बार फिर सुर्खियों में है। बुधवार को अदालत ने दिल्ली यूनिवर्सिटी (DU) से उस याचिका पर जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं, जिसमें प्रधानमंत्री की स्नातक डिग्री के खुलासे से संबंधित आदेश को चुनौती देने में हुई देरी के लिए माफी मांगी गई है।
मुख्य न्यायाधीश देवेंद्र कुमार उपाध्याय और जस्टिस तुषार राव गेडेला की खंडपीठ ने यूनिवर्सिटी को याचिका पर अपनी आपत्तियां दर्ज कराने के लिए तीन सप्ताह का समय दिया है। अदालत को बताया गया कि सिंगल बेंच के अगस्त माह के आदेश को चुनौती देने में देरी हुई है। इस पर बेंच ने कहा कि भारत के सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता डीयू की ओर से पेश हुए और अब इस संबंध में तीन सप्ताह के भीतर आपत्ति दर्ज कर सकते हैं।
कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया कि आपत्तियों पर जवाब, यदि कोई हो, तो दो सप्ताह के भीतर दाखिल किया जाए। इसके बाद इस मामले की अगली सुनवाई 16 जनवरी 2026 को तय की गई है।
यह मामला आप सांसद संजय सिंह, आरटीआई कार्यकर्ता नीरज शर्मा और वकील मोहम्मद इरशाद द्वारा दायर अपीलों से संबंधित है। इन अपीलों में सेंट्रल इंफॉर्मेशन कमीशन (CIC) के उस आदेश को लेकर आपत्ति जताई गई थी, जिसमें प्रधानमंत्री मोदी की शैक्षणिक योग्यता से जुड़ी जानकारी सार्वजनिक करने की मांग की गई थी।
गौरतलब है कि 25 अगस्त को दिल्ली हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने CIC के आदेश को यह कहते हुए रद्द कर दिया था कि प्रधानमंत्री भले ही सार्वजनिक पद पर हों, लेकिन उनकी निजी जानकारी को सार्वजनिक नहीं किया जा सकता, जब तक इसका सीधा संबंध सार्वजनिक हित से न हो।





