देश में 6 करोड़ मृतकों के आधार कार्ड एक्टिव: फर्जी खातों और योजनाओं में गड़बड़ी का खतरा, UIDAI ने सर्वे शुरू किया

दिल्ली। आधार प्रणाली को शुरू हुए 15 साल पूरे हो चुके हैं। इस दौरान देश में 142 करोड़ से अधिक आधार कार्ड जारी किए गए, लेकिन 8 करोड़ से ज्यादा धारकों की मृत्यु के बावजूद केवल 1.83 करोड़ कार्ड ही निष्क्रिय किए जा सके हैं। अनुमान है कि करीब 6 करोड़ मृतकों के आधार कार्ड अब भी सक्रिय हैं, जिससे बैंक फ्रॉड, फर्जी खातों और सरकारी योजनाओं में गड़बड़ी की आशंका बढ़ गई है।
UIDAI के CEO भुवनेश कुमार ने बताया कि भारत के महापंजीयक (RGI) से अब तक 1.55 करोड़ मृतकों का डेटा मिला है। नवंबर 2024 से सितंबर 2025 के बीच 38 लाख और रिकॉर्ड जोड़े गए। इनमें से 1.17 करोड़ पहचान पुष्ट हुई और उनके आधार निष्क्रिय कर दिए गए। UIDAI को उम्मीद है कि दिसंबर तक यह संख्या 2 करोड़ तक पहुंच जाएगी।
प्राधिकरण ने हाल ही में ‘मृत्यु सूचना पोर्टल’ शुरू किया है, ताकि परिजन ऑनलाइन आधार निष्क्रिय करा सकें। हालांकि अब तक केवल 3,000 लोगों ने जानकारी दी, जिनमें से 500 मामलों की ही पुष्टि हो पाई। कुमार ने कहा, “मृत्यु पंजीकरण अब भी बेहद कैजुअल है।” 2016 के बाद से देश में लगभग 8 करोड़ मौतें हुईं, लेकिन 25 राज्यों से ही सिविल रजिस्ट्रेशन डेटा मिल पा रहा है।
सर्वे में यह भी सामने आया कि UIDAI डेटाबेस में 8.3 लाख लोग 100 साल से अधिक उम्र के दर्ज हैं। इनमें महाराष्ट्र (74,000) और यूपी (67,000) सबसे आगे हैं। अब तक केवल 3,086 मामलों की पुष्टि हो सकी है।
बैंकों और सरकारी योजनाओं में भी गड़बड़ियां सामने आई हैं। SBI ने अपने 22 करोड़ खातों में से 8 लाख मृतकों के खाते बंद किए, जबकि PNB में 4 लाख की पुष्टि हुई। PDS सिस्टम में 4.5 लाख मृतकों के राशन कार्ड सक्रिय पाए गए। UIDAI ने अब सभी राज्यों को डेटा अपडेट करने के निर्देश दिए हैं।





