धान खरीदी में अड़चन: ‘टोकन तुंहर हाथ’ ऐप ठप, ऑपरेटरों की हड़ताल से किसानों की मुश्किलें बढ़ीं

रायपुर। छत्तीसगढ़ में 15 नवंबर से धान खरीदी शुरू होने वाली है, लेकिन इस बार किसानों को टोकन और पंजीयन की प्रक्रिया में भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
राज्य सरकार का ‘टोकन तुंहर हाथ’ ऐप और एग्री स्टैक पोर्टल दोनों ही सिस्टम ठप हैं। इसके साथ ही कंप्यूटर ऑपरेटरों की हड़ताल ने स्थिति और बिगाड़ दी है।
धान बेचने के लिए पहले किसानों को एग्री स्टैक पोर्टल पर पंजीयन और फिर ऐप से टोकन जनरेट करना होता है, लेकिन फिलहाल दोनों सेवाएं बंद हैं। ऐप में लॉगिन करने पर संदेश आ रहा है। “टोकन पंजीयन फिलहाल बंद है।” अधिकारियों के अनुसार, ऐप का नया संस्करण अभी गूगल प्ले स्टोर पर अपडेट नहीं हुआ है, जिससे सर्वर कनेक्शन फेल हो रहा है।
अब तक 7 लाख से अधिक किसान पंजीयन नहीं करा पाए हैं। पोर्टल में तकनीकी गड़बड़ी, डेटा एरर और खसरा-खतौनी मिलान में समस्या के कारण आवेदन रिजेक्ट हो रहे हैं। कई जिलों में वेबसाइट घंटों तक बंद रहने से किसान परेशान हैं।
वहीं, कंप्यूटर ऑपरेटर वेतनवृद्धि और नियमितीकरण की मांग को लेकर हड़ताल पर हैं। उनका कहना है कि यदि सरकार ने 19 नवंबर तक उनकी चार सूत्रीय मांगें नहीं मानीं, तो वे सामूहिक इस्तीफा देंगे। इससे खरीदी प्रक्रिया पर बड़ा असर पड़ सकता है।
भारतीय किसान संघ के तेजराम विद्रोही ने सुझाव दिया कि जिन किसानों का ऑनलाइन पंजीयन नहीं हो पा रहा, उन्हें सोसायटी स्तर पर पंजीयन की अनुमति दी जाए। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि यह स्थिति बनी रही, तो हजारों किसान धान बेचने से वंचित रह जाएंगे।
नई खरीदी नीति के तहत रकबा सत्यापन अनिवार्य किया गया है, जिससे किसानों की चिंताएं और बढ़ गई हैं। किसानों का कहना है कि यह प्रक्रिया अनावश्यक और समय लेने वाली है, जो खरीदी की गति को प्रभावित करेगी।



