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दिल्ली ब्लास्ट केस: डॉ. शाहीन 2 साल से विस्फोटक जुटा रही थी, देशभर में धमाकों की साजिश

दिल्ली। दिल्ली में लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास 10 नवंबर को हुए कार धमाके की जांच में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। फरीदाबाद से गिरफ्तार आतंकी डॉ. शाहीन शाहिद ने पूछताछ में कबूला कि वह अपने साथी डॉक्टरों के साथ देशभर में आतंकी हमलों की योजना बना रही थी।

पुलिस सूत्रों के अनुसार, शाहीन पिछले दो साल से विस्फोटक सामग्री जमा कर रही थी और फरीदाबाद स्थित ‘वाइट कॉलर टेरर मॉड्यूल’ से जुड़ी थी। यह मॉड्यूल जैश-ए-मोहम्मद और अंसार गजवत-उल-हिंद से संबद्ध बताया जा रहा है, जो अल फलाह यूनिवर्सिटी से ऑपरेट होता था।

जम्मू-कश्मीर पुलिस ने इस मॉड्यूल से जुड़े मौलवी इश्तियाक को हरियाणा के मेवात से गिरफ्तार किया, जिसके घर से 2500 किलोग्राम से ज्यादा विस्फोटक सामग्री बरामद हुई। वहीं, श्रीनगर के SMHS अस्पताल में कार्यरत डॉ. तजामुल को भी हिरासत में लिया गया। यह कश्मीर से गिरफ्तार पांचवां डॉक्टर है। अब तक कुल आठ गिरफ्तारियां हो चुकी हैं।

जांच में खुलासा हुआ कि शाहीन जैश सरगना मसूद अजहर की बहन सादिया अजहर के संपर्क में थी और जमात उल मोमिनात नामक महिला विंग से जुड़ी थी। शाहीन पहले कानपुर मेडिकल कॉलेज में असिस्टेंट प्रोफेसर थी, लेकिन 2021 में अनुपस्थिति के कारण बर्खास्त कर दी गई। बाद में वह अल फलाह यूनिवर्सिटी में शामिल हुई, जहां उसकी मुलाकात अन्य आरोपियों से हुई।

लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास हुए इस ब्लास्ट में 12 लोगों की मौत हुई थी। जांच एजेंसियों के अनुसार, धमाके में वही विस्फोटक इस्तेमाल हुआ जो फरीदाबाद से जब्त किया गया था।

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