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बहुविवाह पर प्रतिबंध: हिमंता सरकार का ऐतिहासिक फैसला, महिलाओं की गरिमा की रक्षा की दिशा में बड़ा कदम

गुवाहाटी। असम की हिमंता बिस्वा सरमा सरकार ने बहुविवाह (Polygamy) को लेकर ऐतिहासिक फैसला लिया है। मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा (Himanta Biswa Sarma) ने बताया कि कैबिनेट ने राज्य में बहुविवाह पर रोक लगाने वाले नए अधिनियम को मंजूरी दे दी है। उन्होंने कहा, “जो नारी का अपमान करेगा, उसे किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा।”

नए विधेयक के अनुसार, बहुविवाह अब संज्ञेय अपराध (Cognizable Offence) माना जाएगा, जिससे पुलिस बिना वारंट के आरोपियों को गिरफ्तार कर सकेगी। दोषी पाए जाने पर सात साल तक की कैद का प्रावधान होगा। इस कठोर सजा का उद्देश्य राज्य में बहुविवाह जैसी कुप्रथा को पूरी तरह समाप्त करना है।

विधेयक में यह भी प्रावधान किया गया है कि बहुविवाह की शिकार महिलाएं मुआवजे की पात्र होंगी, जिससे उन्हें आर्थिक सहायता और सुरक्षा मिल सकेगी। हालांकि, संविधान की छठी अनुसूची (Sixth Schedule) के तहत आने वाले अनुसूचित जनजाति (ST) समुदायों को इस कानून से छूट दी गई है, उनके सांस्कृतिक और सामाजिक परंपराओं को ध्यान में रखते हुए।

मुख्यमंत्री सरमा ने कहा, “यह कानून महिलाओं के सम्मान और अधिकारों की रक्षा के लिए है। असम में अब किसी भी महिला के आत्मसम्मान को ठेस नहीं पहुंचाई जा सकेगी।” उन्होंने इसे महिला सशक्तिकरण (Women Empowerment) की दिशा में एक निर्णायक कदम बताया।

महिला अधिकार कार्यकर्ताओं और सामाजिक संगठनों ने इस फैसले का स्वागत किया है। उनका कहना है कि यह कानून लैंगिक समानता (Gender Equality) की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा और समाज में महिलाओं की स्थिति को मजबूत करेगा।

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