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25 साल पुराने नियम में बड़ा बदलाव, संपत्ति की नई गाइडलाइन जारी

रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार ने 25 साल पुराने संपत्ति गाइडलाइन निर्धारण नियमों में बड़ा सुधार किया है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की पहल और पंजीयन मंत्री ओ.पी. चौधरी के निर्देश पर भूमि मूल्य निर्धारण से संबंधित नई गाइडलाइन जारी की गई है। नए नियमों से रजिस्ट्री की प्रक्रिया सरल होगी, साथ ही विसंगतियां, भ्रम और अतिरिक्त शुल्क की समस्या खत्म होगी, जिससे आम जनता को राहत मिलेगी।

अब तक गाइडलाइन दरों की गणना पुराने नियमों के तहत की जाती थी, जो वर्ष 2000 से बिना संशोधन लागू थे। इनमें सड़क दूरी, तल, संरचना आदि के आधार पर अलग-अलग मूल्यांकन प्रावधान थे, पर कई परिभाषाएं अस्पष्ट थीं। जैसे “मुख्य मार्ग” की परिभाषा ही निर्धारित नहीं थी, जिससे बाजार मूल्य का आकलन अक्सर विवादित होता था।

मुख्यमंत्री और मंत्री के निर्देश पर नियमों की पुनर्रचना कर इन्हें सरल, जनहितैषी और पारदर्शी बनाया गया है। अब प्रक्रिया को सॉफ्टवेयर आधारित कर मानवीय हस्तक्षेप को न्यूनतम किया गया है।

नए ‘बाजार मूल्य गणना उपबंध 2025’ में बड़े बदलाव किए गए हैं — पहले जहां 77 प्रकार के प्रावधान थे, अब इन्हें घटाकर केवल 14 प्रावधान रखे गए हैं। इससे आम नागरिक के लिए मूल्य निर्धारण समझना आसान होगा। सभी प्रकार की भूमि — कृषि, डायवर्टेड, नजूल और आबादी — के लिए अब एक समान मूल्यांकन मानक लागू किया गया है।

अब भूमि के प्रकार या ट्यूबवेल, बाउंड्रीवाल जैसी सुविधाओं के कारण अतिरिक्त मूल्य नहीं जोड़ा जाएगा। दो फसली या गैर-परंपरागत फसल की स्थिति में अलग मूल्य वृद्धि का प्रावधान भी समाप्त कर दिया गया है।

साथ ही, जब कोई नया मोहल्ला या कॉलोनी विकसित होगी, तो उसके लिए विशेष गाइडलाइन दर तय की जाएगी।
हालांकि, जमीन की सरकारी कीमतों में वृद्धि का प्रस्ताव फिलहाल लंबित है। जिला समितियों द्वारा दरों में डेढ़ से दो गुना वृद्धि का सुझाव दिया गया है, लेकिन अंतिम निर्णय अभी बाकी है।

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