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राज्योत्सव में सीताफल से पल्प और आइसक्रीम बनाने का प्रदर्शन, महिलाओं को मिला स्वरोजगार का प्रशिक्षण

रायपुर। छत्तीसगढ़ राज्योत्सव के रजत महोत्सव में कृषि एवं उद्यानिकी विभाग की प्रदर्शनी में महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए एक अभिनव पहल की गई। महात्मा गांधी उद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय, दुर्ग की ओर से सीताफल से पल्प और आइसक्रीम तैयार करने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इस प्रशिक्षण का उद्देश्य महिलाओं को स्वरोजगार से जोड़कर उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त बनाना है।

विश्वविद्यालय के डीन डॉ. नारायण साहू ने बताया कि सीताफल के पल्प से आइसक्रीम निर्माण एक लाभकारी व्यवसाय है, जो कम लागत में अधिक मुनाफा देता है। उन्होंने कहा कि यह मॉडल प्रोजेक्ट आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक प्रेरणादायक कदम है। इससे महिलाएं न केवल रोजगार पा रही हैं, बल्कि अपनी रचनात्मकता और उद्यमशीलता को भी पहचान रही हैं।

प्रशिक्षण में शामिल छात्राओं और महिलाओं ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। छात्रा दीक्षा महंत ने बताया कि उन्होंने सीताफल से पल्प और आइसक्रीम बनाना सीखा है और अब इसे घर से छोटे व्यवसाय के रूप में शुरू करने की योजना है। वहीं, रश्मि बंजारे ने कहा कि सीताफल आधारित उत्पादों से घरेलू स्तर पर अच्छा मुनाफा कमाया जा सकता है।

डॉ. साहू ने बताया कि विश्वविद्यालय का लक्ष्य केवल प्रशिक्षण देना नहीं, बल्कि ग्रामीण और शहरी महिलाओं को आर्थिक रूप से मजबूत बनाना है। ऐसे प्रशिक्षण से स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नई दिशा मिलेगी।

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