ChhattisgarhStateNewsछत्तीसगढ़

दीयों और पूजा सामग्री की बिक्री से समूह की महिलाएं हो रही समृद्ध

गौरेला पेंड्रा मरवाही। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को साकार करने की दिशा में स्वसहायता समूह की महिलाएं अपने योगदान से स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूत कर रही हैं। दीपावली के अवसर पर कलात्मक दीयों और पूजा सामग्री का निर्माण कर इन्हें स्थानीय हाट बाजारों में बेचकर महिलाएं आर्थिक रूप से सशक्त बन रही हैं।

जिला प्रशासन और ग्रामीण आजीविका मिशन के सहयोग से पेंड्रा जनपद की पांच महिला स्वसहायता समूहों की 12 महिलाओं ने अब तक लगभग 70 हजार मिट्टी के दीये तैयार कर लिए हैं। इसके साथ ही अगरबत्ती, बाती और तोरण भी तैयार कर कोटमी, नवागांव और कोड़गार हाट बाजार में बेचे जा रहे हैं। समूह द्वारा निर्मित दीयों को रायपुर में आयोजित सरस मेला में भी प्रदर्शित किया गया और बिक्री की जा रही है। अब तक समूह द्वारा लगभग 1 लाख 11 हजार 500 रुपये की बिक्री की जा चुकी है।

समूह की सदस्य, ग्राम झाबर निवासी क्रांति पुरी ने बताया कि इस कार्य से उन्हें करीब 9 हजार रुपये का मुनाफा हुआ है। उन्होंने कहा कि इस वर्ष की दिवाली उनके लिए विशेष बन गई है और इस आय से उनका मनोबल भी बढ़ा है।

ब्लॉक मिशन प्रबंधक मंदाकिनी कोसरिया ने बताया कि इस पहल से सीधे तौर पर पांच महिला स्वसहायता समूहों के परिवारों को आर्थिक लाभ मिल रहा है। महिलाएं न केवल आत्मनिर्भर बन रही हैं, बल्कि अपने परिवार की आर्थिक स्थिति सुधारने में भी सक्षम हो रही हैं।

यह पहल स्थानीय स्तर पर रोजगार सृजन के साथ-साथ परंपरागत मिट्टी के दीयों के उपयोग को बढ़ावा दे रही है। मिट्टी के दीयों की बिक्री से महिलाओं की आमदनी बढ़ी है और यह पर्यावरण के लिए भी अनुकूल विकल्प साबित हो रही है।

Related Articles

Back to top button