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रायगढ़ में 500 साल पुरानी परंपरा: 40 बकरों की बलि के बाद बैगा ने पिया खून

रायपुर। छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले में शरद पूर्णिमा के अवसर पर एक प्राचीन धार्मिक परंपरा के तहत 40 बकरों की बलि दी गई। यह अनुष्ठान मानकेश्वरी देवी मंदिर में संपन्न हुआ, जहां बैगा ने देवी की पूजा के बाद बकरों की बलि देकर उनका खून पिया। इस पूरी प्रक्रिया का फोटो सोशल मीडिया पर सामने आया है, जिसने लोगों को हैरान कर दिया।

स्थानीय ग्रामीणों के अनुसार, यह परंपरा करीब 500 साल पुरानी है और हर साल शरद पूर्णिमा के दिन मानकेश्वरी देवी की आराधना के रूप में की जाती है। मान्यता है कि बलि के दौरान देवी का अवतरण बैगा के शरीर में होता है। इसी कारण बैगा को पहले विशेष अंगूठी पहनाई जाती है, जिसके बाद वह देवी से आशीर्वाद लेकर बलि की रस्म पूरी करता है।

ग्रामीणों का विश्वास है कि देवी के प्रभाव से बैगा को खून पीने के बाद भी कोई हानि नहीं होती। अनुष्ठान के दौरान बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहते हैं और पूजा के बाद प्रसाद वितरण किया जाता है।

हालांकि, यह परंपरा आधुनिक समाज में चर्चा का विषय बनी हुई है। कुछ लोग इसे आस्था का प्रतीक मानते हैं, तो कुछ इसे अंधविश्वास और पशु क्रूरता से जोड़कर देख रहे हैं। प्रशासन ने इस घटना का वीडियो संज्ञान में लेकर जांच शुरू करने की बात कही है।

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