छत्तीसगढ़ में बड़ी कामयाबी: माओवादी बोले- हथियार छोड़ेंगे, युद्धविराम के लिए तैयार

रायपुर। छत्तीसगढ़ के सुकमा में नक्सल विरोधी अभियान में सुरक्षाबलों को बड़ी सफलता मिली है। पहली बार माओवादी संगठन ने हथियारबंद संघर्ष छोड़ने और शांतिवार्ता में शामिल होने का संकेत दिया है। संगठन ने प्रेस रिलीज जारी कर कहा है कि वह हथियार छोड़कर जन संघर्षों में शामिल होगा, लेकिन इसके लिए पहले सरकार को औपचारिक सीजफायर की घोषणा करनी होगी।
यह बयान संगठन की केंद्रीय समिति ने 15 सितंबर को लिखा था। पत्र में यह भी कहा गया कि वीडियो कॉल के माध्यम से सरकार से बातचीत करने की पेशकश की जा सकती है। संगठन ने एक माह के औपचारिक सीजफायर की मांग की है, ताकि शांति प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जा सके।
पत्र के अनुसार, माओवादी अस्थायी रूप से हथियारबंद संघर्ष को त्यागेंगे और भारत की उत्पीड़ित जनता की समस्याओं के समाधान के लिए जन आंदोलनों में शामिल होंगे। हालांकि इसे 15 अगस्त को लिखा गया था, लेकिन सार्वजनिक नहीं किया गया। एक माह में संगठन को भारी नुकसान हुआ। तीन सीसी मेंबर मारकर या आत्मसमर्पण कर चुके हैं।
सुरक्षाबलों ने बस्तर और आसपास के इलाकों में नए कैंप खोले और लगातार ऑपरेशन चलाए। इसके परिणामस्वरूप कई माओवादी आत्मसमर्पण कर रहे हैं और कई मारे गए हैं। गरियाबंद में एक करोड़ का ईनामी बालकृष्णा उर्फ मनोज, झारखंड में एक करोड़ का ईनामी सहदेव सोरेन उर्फ प्रवेश और तेलंगाना में एक करोड़ की ईनामी सुजाता ने आत्मसमर्पण किया।
इस कदम को छत्तीसगढ़ में नक्सल प्रभावित इलाकों में सुरक्षा बलों की रणनीतिक सफलता और माओवादी संगठन पर बनाए गए दबाव का परिणाम माना जा रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि यह शांति प्रक्रिया की दिशा में एक बड़ा कदम है और भविष्य में स्थायी समाधान की उम्मीद बढ़ सकती है।
