शराब घोटाला केस : चैतन्य बघेल के खिलाफ 7 हजार पन्नों का चालान, हाईकोर्ट से अग्रिम जमानत खारिज

रायपुर। छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित शराब घोटाला मामले में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल की मुश्किलें बढ़ गई हैं। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने रायपुर कोर्ट में चैतन्य के खिलाफ 7 हजार पन्नों का चालान पेश किया। अधिकारी चार बंडल दस्तावेज लेकर कोर्ट पहुंचे। वहीं EOW-ACB ने भी चैतन्य की 7 दिन की रिमांड मांगी है, जिस पर कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा है।
चैतन्य की ओर से गिरफ्तारी से बचने के लिए हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका लगाई गई थी, लेकिन जस्टिस अरविंद वर्मा की सिंगल बेंच ने इसे खारिज कर दिया। सरकार की ओर से एडिशनल एडवोकेट जनरल विवेक शर्मा ने याचिका का विरोध किया।
ED की जांच में सामने आया कि शराब घोटाले से चैतन्य बघेल को 16.70 करोड़ रुपए मिले। यह रकम रियल एस्टेट प्रोजेक्ट्स में निवेश की गई। आरोप है कि ब्लैक मनी को वाइट करने के लिए फर्जी निवेश और फर्जी फ्लैट खरीदी का सहारा लिया गया। विट्ठल ग्रीन प्रोजेक्ट (बघेल डेवलपर्स) में 13-15 करोड़ का खर्च दिखाकर केवल 7.14 करोड़ रिकॉर्ड में दर्ज किया गया। एक ठेकेदार को 4.2 करोड़ कैश पेमेंट भी किया गया, जो खातों में दर्ज नहीं था।
ED ने खुलासा किया कि भिलाई के एक ज्वेलर्स ने 5 करोड़ कैश चैतन्य को दिया और बाद में बघेल की कंपनी से 80 लाख के प्लॉट खरीदे। इसी तरह त्रिलोक सिंह ढिल्लो ने अपने कर्मचारियों के नाम पर 19 फ्लैट खरीदे, लेकिन भुगतान खुद किया। एजेंसी का दावा है कि यह सब ब्लैक मनी को लीगल बनाने की साजिश थी।
चैतन्य बघेल फिलहाल रायपुर जेल में बंद हैं और आज उन्हें कोर्ट में पेश किया जाएगा। उनके खिलाफ शराब घोटाले के साथ-साथ कोल लेवी, महादेव सट्टा ऐप और मनी लॉन्ड्रिंग की जांच भी चल रही है।