बिलासपुर में किसी भी अतिशेष शिक्षक की नियम विरुद्ध पदस्थापना नहीं

रायपुर। बिलासपुर जिले में शिक्षकों के युक्तियुक्तकरण (Rationalization) के बाद की गई नई पदस्थापनाओं को लेकर अफवाहों का खंडन करते हुए जिला शिक्षा अधिकारी (डीईओ) ने स्पष्ट किया है कि किसी भी अतिशेष शिक्षक की नियम विरुद्ध पदस्थापना नहीं की गई है। केवल दो मामलों में जिला एवं संभागीय समितियों की अनुशंसा पर परिवर्तन किया गया है।
डीईओ ने सभी शिक्षकों को निर्देश दिए कि वे युक्तियुक्तकरण के बाद आबंटित विद्यालयों में तत्काल उपस्थिति सुनिश्चित करें। उन्होंने चेतावनी दी कि नई पदस्थापना में बिना कारण ज्वाइनिंग न करने वाले शिक्षकों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। इसमें वेतन रोकने से लेकर निलंबन तक की कार्रवाई शामिल होगी।
डीईओ ने बताया कि अधिकांश शिक्षकों ने दूरस्थ क्षेत्रों के स्कूलों में भी अपनी उपस्थिति दर्ज करा दी है। युक्तियुक्तकरण के बाद एक बार विद्यालय आबंटित होने पर उसमें बदलाव का प्रावधान नहीं है। जिन शिक्षकों को कठिनाई हुई, उनके अभ्यावेदन जिला समिति के समक्ष रखे गए। समिति द्वारा सूक्ष्म जांच के बाद ही निर्णय लिया गया। अधिकांश मामलों में अभ्यावेदन निरस्त कर दिए गए और पदस्थापना यथावत रखी गई।
दो विशेष मामलों में ही न्यायालय के निर्देश पर बदलाव हुआ। छतौना पूर्व माध्यमिक शाला के शिक्षक धीरेन्द्र कुमार पाण्डे का प्रकरण जिला समिति ने पहले अमान्य किया था, परंतु न्यायालय के निर्देश पर पुनः परीक्षण कर मान्य किया गया। इसी प्रकार प्राथमिक शाला उरैहापारा नगौई के शिक्षक कुलदीप सिंह सलुजा का मामला संभागीय समिति ने जांच कर मान्य किया।
डीईओ ने दोहराया कि बिलासपुर जिले में युक्तियुक्तकरण की सभी प्रक्रियाएं पारदर्शी और नियमों के अनुसार की गई हैं। उन्होंने कहा कि शिक्षकों को अपने कर्तव्यों का निर्वहन करते हुए छात्रों की शिक्षा को प्राथमिकता देनी चाहिए।