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62 वर्षीय नक्सली सुजाता का सरेंडर, बस्तर में कई वर्षों तक रही सक्रिय

जगदलपुर। छत्तीसगढ़ के बस्तर में लंबे समय तक सक्रिय रही नक्सली संगठन की सेंट्रल कमेटी मेंबर सुजाता (62) ने आखिरकार हथियार डाल दिए हैं। तेलंगाना पुलिस के सामने सरेंडर करने वाली सुजाता बीते 43 सालों से नक्सली गतिविधियों से जुड़ी थी। उस पर 1 करोड़ रुपए का इनाम घोषित था और उसका नाम बस्तर की कई बड़ी नक्सली घटनाओं में सामने आ चुका है।

जानकारी के मुताबिक, सुजाता दक्षिण सब जोनल ब्यूरो की इंचार्ज रही है। वह कुख्यात नक्सली कमांडर किशनजी की पत्नी है, जिसका पहले ही एनकाउंटर हो चुका है। सुजाता ने भी अब नक्सली संगठन छोड़कर मुख्यधारा में लौटने का फैसला किया है। उसके साथ 3 और नक्सलियों ने हिंसा का रास्ता त्याग दिया।

इधर, नारायणपुर जिले में भी आत्मसमर्पण की बड़ी घटना सामने आई है। शुक्रवार (12 सितंबर) को 17 नक्सलियों ने पुलिस अधीक्षक रॉबिन्सन गुरिया के सामने आत्मसमर्पण किया। इनमें से 6 नक्सलियों पर 2-2 लाख रुपए का इनाम था। सरेंडर करने वालों में जनताना सरकार सदस्य, पंचायत मिलिशिया डिप्टी कमांडर और अन्य पदाधिकारी शामिल हैं।

समर्पित नक्सलियों ने खुलासा किया कि शीर्ष कैडर के नक्सली ही आदिवासियों के सबसे बड़े दुश्मन हैं। वे जल, जंगल और जमीन की रक्षा व समानता का अधिकार दिलाने का झूठा सपना दिखाकर ग्रामीणों को गुलाम बनाए रखते हैं।

सरेंडर करने वाले नक्सलियों को 50-50 हजार रुपए की प्रोत्साहन राशि दी गई है। इनमें जनताना सरकार सदस्य लच्छू पोड़ियाम उर्फ मानू (44), वंजा मोहंदा (40), जुरू पल्लो (36), मासू मोहंदा (43), पंचायत मिलिशिया सदस्य केसा (38), चिन्ना मंजी (34) सहित अन्य शामिल हैं।

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