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शराब घोटाले में बड़ा खुलासा: EOW ने रायपुर की विशेष अदालत में दाखिल किया छठवां अभियोग पत्र

रायपुर। राज्य आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (EOW) ने छत्तीसगढ़ शराब घोटाले की जांच में एक और बड़ी कार्रवाई की है। 26 अगस्त 2025 को रायपुर की विशेष न्यायालय में छठवां अभियोग पत्र पेश किया गया। यह जांच मुख्य रूप से विदेशी शराब पर लिए गए कमीशन से जुड़ी हुई है।

EOW की जांच में सामने आया कि आबकारी विभाग में एक सिंडीकेट सक्रिय था। इसमें प्रशासनिक अधिकारी अनिल टुटेजा, अरुणपति त्रिपाठी, निरंजन दास, अनवर ढेबर, विकास अग्रवाल और अरविंद सिंह जैसे नाम शामिल थे। इनके नियंत्रण में शासकीय शराब दुकानों में सप्लाई पर कमीशन, डिस्टिलरी से अतिरिक्त शराब निर्माण कर अवैध बिक्री और विदेशी शराब की सप्लाई पर भी अवैध वसूली की व्यवस्था बनाई गई थी।

वर्ष 2020-21 में नई आबकारी नीति लागू कर विदेशी शराब सप्लाई का ठेका तीन प्राइवेट कंपनियों को दिया गया। इनमें ओम साई ब्रेवरज प्रा.लि., नेक्सजेन पावर इंजिटेक प्रा.लि. और दिशिता वेंचर्स प्रा.लि. शामिल थीं। EOW का कहना है कि इन कंपनियों को लाइसेंस देने से सरकार को करीब 248 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ।

ओम साई ब्रेवरज से जुड़े विजय कुमार भाटिया को छुपा लाभार्थी बताया गया है, जिसने अलग-अलग खातों और डमी डायरेक्टरों के जरिए करोड़ों रुपए निकाले। वहीं नेक्सजेन पावर इंजिटेक से संजय मिश्रा और मनीष मिश्रा को आरोपी बनाया गया है, जिसने करीब 11 करोड़ रुपए का लाभ कमाया।

EOW के मुताबिक इस पूरी व्यवस्था से सिर्फ विदेशी शराब सप्लाई पर ही करीब 14 करोड़ रुपए सिंडीकेट तक पहुंचे। साथ ही, 2020 से 2023 तक इन कंपनियों ने नियमों को दरकिनार कर निजी फायदा कमाया। अब तक की जांच में सामने आया है कि राजनीतिक संरक्षण और प्रशासनिक मिलीभगत से यह घोटाला कई सालों तक चलता रहा। EOW ने मामले में विजय कुमार भाटिया, संजय मिश्रा, मनीष मिश्रा और अभिषेक सिंह की गिरफ्तारी की पुष्टि की है। जांच एजेंसी का कहना है कि विदेशी शराब कमीशन से जुड़े अन्य पहलुओं की जांच पृथक रूप से जारी है।

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