छत्तीसगढ़ में 6.65 लाख करोड़ का निवेश, 63 हजार से अधिक नौकरियां बनने की संभावना

रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय सरकार की नई औद्योगिक नीति ने निवेशकों का विश्वास जीत लिया है। बीते एक वर्ष में 66 उद्योगपतियों ने छत्तीसगढ़ में उद्योग लगाने के लिए सहमति दी है। अब तक 6.65 लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्तावों पर एमओयू साइन हो चुके हैं। इन उद्योगों से राज्य में 63,651 से अधिक लोगों को रोजगार मिलने की उम्मीद है।
सबसे बड़ा निवेश अदाणी समूह की ओर से आया है, जिसने ऊर्जा, सीमेंट और कोल माइनिंग के क्षेत्र में 80,344 करोड़ रुपये का निवेश करने का समझौता किया है। इसके अलावा खनिज, बायो गैस, इलेक्ट्रॉनिक्स, एथेनाल, फूड प्रोसेसिंग और आईटी जैसे क्षेत्रों में भी निवेशकों ने रुचि दिखाई है। इनमें से आठ निवेशकों ने उद्योग स्थापना की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है।
निवेश को और बढ़ावा देने के लिए मुख्यमंत्री विष्णु देव साय गुरुवार को दस दिवसीय विदेश दौरे पर जापान और दक्षिण कोरिया रवाना हुए। इस दौरान वे वहां के उद्योगपतियों और कॉर्पोरेट प्रतिनिधियों से मुलाकात कर छत्तीसगढ़ में निवेश के लिए आमंत्रित करेंगे। इस यात्रा को विदेशी निवेश आकर्षित करने की दिशा में अहम माना जा रहा है।
विगत डेढ़ साल में रायपुर, दिल्ली, मुंबई और बेंगलुरु में इन्वेस्टर्स समिट आयोजित हो चुकी है। इस वर्ष रायपुर में एनर्जी कानक्लेव के दौरान 3,01,086 करोड़ रुपये के निवेश प्रस्तावों पर सहमति बनी थी।
सरकार की नई औद्योगिक नीति 31 अक्टूबर 2030 तक लागू रहेगी। इसमें एआई, रोबोटिक्स और कंप्यूटिंग से जुड़े उद्योगों के लिए विशेष प्रोत्साहन पैकेज का प्रावधान है। नीति के तहत राज्य जीएसटी की 100% प्रतिपूर्ति, 50% तक अनुदान, ब्याज और पूंजी अनुदान, स्टांप शुल्क व बिजली शुल्क में छूट जैसे लाभ दिए जाएंगे।