बस्तर संभाग बना डिजिटल स्वास्थ्य सेवाओं का अनुकरणीय मॉडल

रायपुर। बस्तर संभाग डिजिटल स्वास्थ्य सेवाओं का एक अनुकरणीय मॉडल बनकर उभर रहा है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व और स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल की पहल पर यहां नेक्स्ट जेन ई-हॉस्पिटल, आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन और आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना का सफल क्रियान्वयन हो रहा है। इससे स्वास्थ्य सेवाएं और अधिक सुलभ, प्रभावी और पारदर्शी बनी हैं।
वर्तमान में बस्तर के 6 जिला चिकित्सालय, 2 सिविल अस्पताल और 41 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में ई-हॉस्पिटल प्रणाली लागू है। इसके माध्यम से ओपीडी पंजीकरण, परामर्श, जांच, दवा वितरण और मरीजों की सभी स्वास्थ्य संबंधी जानकारियां डिजिटल प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध हैं। अस्पताल परिसरों में स्थापित आभा कियोस्क से मरीज अपना आयुष्मान भारत हेल्थ अकाउंट (आभा) बना सकते हैं। स्कैन एंड शेयर और आभा आईडी से ऑनलाइन ओपीडी पंजीयन होने से मरीजों को लंबी कतारों से राहत मिली है।
पिछले तीन महीनों में जिला चिकित्सालय बस्तर में 60,045 ओपीडी पंजीयन में से 53% (32,379) आभा लिंक से हुए। दंतेवाड़ा में इसी अवधि में 33,895 पंजीयन दर्ज हुए, जिनमें 40% डिजिटल रूप से लिंक थे। इससे मरीजों के डिजिटल हेल्थ रिकॉर्ड तैयार हुए, जिन्हें वे देश के किसी भी हिस्से से देख सकते हैं।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि इस पहल से बस्तर में स्वास्थ्य सेवाओं को नई दिशा मिली है और इसे शीघ्र ही पूरे राज्य में लागू किया जाएगा। स्वास्थ्य मंत्री जायसवाल ने कहा कि यह प्रणाली पूरे प्रदेश के लिए मॉडल बनेगी। यह प्रयास न केवल डिजिटलीकरण तक सीमित है, बल्कि ग्रामीण व दूरस्थ क्षेत्रों को गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा से जोड़ने का माध्यम भी है। तकनीक, प्रशासनिक इच्छाशक्ति और जनभागीदारी के मेल से स्वास्थ्य सेवाओं में यह परिवर्तन “स्वस्थ और सशक्त छत्तीसगढ़” की दिशा में बड़ा कदम है।