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निमिषा की मौत की सजा रद्द होने की खबर फर्जी, विदेश मंत्रालय ने किया खंडन

दिल्ली। भारतीय नर्स निमिषा प्रिया की यमन में मौत की सजा रद्द होने की खबर फर्जी निकली। विदेश मंत्रालय के सूत्रों ने स्पष्ट किया कि यह दावा भ्रामक है और इससे मौजूदा स्थिति का सही चित्रण नहीं होता। यह बयान भारतीय ग्रैंड मुफ्ती कांथापुरम एपी अबूबकर मुसलियार के ऑफिस के उस दावे के बाद आया है, जिसमें कहा गया था कि निमिषा की मौत की सजा रद्द कर दी गई है।

निमिषा को 2018 में यमनी नागरिक तलाल अब्दो महदी की हत्या के आरोप में दोषी पाया गया था। 16 जुलाई को फांसी दी जानी थी, लेकिन 15 जुलाई को यह सजा अस्थायी रूप से टाल दी गई थी। भारत और यमन के धार्मिक नेताओं के बीच शरिया कानून के तहत बातचीत भी हुई थी। इस दौरान मृतक के भाई और यमन के सुप्रीम कोर्ट के जज भी मौजूद थे। हालांकि, मृतक महदी के भाई अब्देल फत्तह महदी ने साफ कहा कि वह न तो माफी चाहते हैं और न ही ब्लड मनी स्वीकार करेंगे। उन्होंने कहा कि “न्याय की जीत होगी और हम ‘किसास’ यानी बदला लेकर रहेंगे।”

निमिषा पर आरोप है कि उन्होंने तलाल को ड्रग्स की ओवरडोज देकर मार डाला, जो कथित रूप से उन्हें प्रताड़ित कर रहा था और पासपोर्ट जब्त कर लिया था। भारत के पास यमन में दूतावास नहीं है, इसलिए रियाद के भारतीय राजदूत के जरिए बातचीत की जा रही है। भारत सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि वह इस मामले में सीमित हद तक ही हस्तक्षेप कर सकती है। सुप्रीम कोर्ट ने भी इस पर चिंता जताई थी।

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