सुप्रीम कोर्ट ने आवारा कुत्तों की समस्या पर ली रिपोर्ट का स्वतः संज्ञान

दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली में आवारा कुत्तों की बढ़ती संख्या और उनके हमलों से जुड़ी एक मीडिया रिपोर्ट पर स्वतः संज्ञान लिया है। “शहर आवारा कुत्तों से परेशान और बच्चे चुका रहे कीमत” शीर्षक वाली खबर आज अंग्रेजी दैनिक टाइम्स ऑफ इंडिया के दिल्ली संस्करण में प्रकाशित हुई थी। इसमें राजधानी और आसपास के क्षेत्रों में हर दिन होने वाले कुत्तों के काटने की घटनाओं और इसके कारण रेबीज से बच्चों, शिशुओं और बुजुर्गों के संक्रमित होने की चिंताजनक स्थिति को उजागर किया गया।
न्यायमूर्ति जे.बी. पारदीवाला और न्यायमूर्ति आर. महादेवन की खंडपीठ ने इस खबर पर टिप्पणी करते हुए कहा कि इसमें दर्शाए गए तथ्य बेहद गंभीर और चिंताजनक हैं। पीठ ने कहा कि सप्ताह की शुरुआत ऐसे विषय पर ध्यान देने से होनी चाहिए, जो आम जनजीवन को प्रभावित कर रहा है। कोर्ट ने कहा कि रेबीज जैसे जानलेवा संक्रमण की चपेट में सबसे ज्यादा कमजोर वर्ग यानी बच्चे और बुजुर्ग आ रहे हैं।
कोर्ट ने रजिस्ट्री को निर्देश दिया कि इस समाचार रिपोर्ट को आधार बनाकर इसे एक स्वतः संज्ञान याचिका के रूप में पंजीकृत किया जाए और इसे उचित कार्रवाई हेतु भारत के मुख्य न्यायाधीश के समक्ष प्रस्तुत किया जाए। सुप्रीम कोर्ट का यह कदम आवारा कुत्तों की समस्या को लेकर नीति-निर्धारण और सरकारी जवाबदेही की दिशा में एक महत्वपूर्ण हस्तक्षेप माना जा रहा है।