छत्तीसगढ़ ग्रोथ एंड स्टेबिलिटी फंड विधेयक 2025 विधानसभा में पारित, दीर्घकालिक वित्तीय मजबूती की दिशा में बड़ा कदम

रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा में आज सर्वसम्मति से “छत्तीसगढ़ ग्रोथ एंड स्टेबिलिटी फंड विधेयक 2025” पारित किया गया। इस विधेयक को राज्य के वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने प्रस्तुत किया। इसका उद्देश्य राज्य की दीर्घकालिक वित्तीय स्थिरता सुनिश्चित करना और पूंजीगत व्यय को मजबूती प्रदान करना है।
वित्त मंत्री ने बताया कि यह विधेयक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के “विकसित भारत 2047” विजन के अनुरूप तैयार “छत्तीसगढ़ अंजोर विजन 2047” का हिस्सा है। राज्य सरकार खनिज संसाधनों से हो रही बढ़ती आय को दूरदर्शिता से निवेश कर, आर्थिक संरचना को स्थायित्व देना चाहती है। उन्होंने कहा कि 2001-02 से 2024-25 तक राज्य के खनिज राजस्व में 30 गुना और पूंजीगत व्यय में 43 गुना की वृद्धि दर्ज की गई है।
विधेयक के अनुसार, खनिज राजस्व का 1% से 5% तक इस फंड में निवेश होगा, जिसका उपयोग केवल पूंजीगत व्यय के लिए किया जाएगा। प्राप्त लाभांश भी फंड में पुनर्निवेश होगा। विशेष स्थितियों में मूलधन से अधिकतम 10% आहरण किया जा सकेगा। फंड की पारदर्शिता के लिए सख्त नियम और नियंत्रण व्यवस्था बनाई जाएगी। मंत्री चौधरी ने बताया कि मुख्य बजट 2025-26 में फंड के लिए 50 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। यह पहल छत्तीसगढ़ को देश में पहला ऐसा राज्य बनाती है जिसने भविष्य की वित्तीय जरूरतों के लिए रणनीतिक फंड की स्थापना की है।