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कोरबा में डॉक्टर की गैरमौजूदगी बनी काल, नर्स ने कराया प्रसव; मां-बच्चे की मौत

कोरबा। छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में स्वास्थ्य व्यवस्था की लापरवाही ने एक परिवार की 11 साल बाद मिली खुशी को मातम में बदल दिया। बालको थाना क्षेत्र के अजगर बहार स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में डॉक्टर की अनुपस्थिति में नर्स द्वारा कराए गए प्रसव के दौरान मां और नवजात की मौत हो गई। मृतका पहाड़ी कोरवा जनजाति की मंघई बाई थी।

मामले के अनुसार, भटगांव निवासी अमर सिंह की पत्नी मंघई बाई को 16 जून की सुबह प्रसव पीड़ा शुरू हुई। उन्हें ‘महतारी एक्सप्रेस’ से प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया, लेकिन वहां डॉक्टर मौजूद नहीं थे। प्रसव की प्रक्रिया एक महिला स्टाफ—संभावित रूप से नर्स ने की। मंघई बाई ने एक मृत बच्चे को जन्म दिया, जबकि प्रसव के समय बच्चा जीवित था, ऐसा मृतका के पति अमर सिंह का दावा है।

प्रसव के बाद मंघई बाई की तबीयत और बिगड़ती गई। उसे मेडिकल कॉलेज अस्पताल रेफर किया गया, लेकिन संजीवनी एक्सप्रेस पहुंचने से पहले ही उसने दम तोड़ दिया। अमर सिंह ने बताया कि पत्नी बार-बार बेहोश हो रही थीं, लेकिन समय रहते डॉक्टर और इलाज नहीं मिला।

इस घटना ने क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवाओं की गंभीर खामियों को उजागर कर दिया है। पहाड़ी कोरवा जैसे विशेष जनजातीय वर्ग को सरकारी योजनाओं के बावजूद समय पर इलाज नहीं मिल पा रहा। 11 साल बाद संतान सुख मिलने की उम्मीद में जी रहे इस परिवार पर अब दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। पुलिस और स्वास्थ्य विभाग ने मामले की जांच शुरू कर दी है।

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