कोरोना का खतरा: 1045 एक्टिव केस, 10 की मौत; मिले 4 नए वैरिएंट

दिल्ली।देश में एक बार फिर कोरोना संक्रमण के मामलों में बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, इस समय देश में कुल 1045 एक्टिव केस हैं, जिनमें सबसे अधिक 430 मामले केरल से सामने आए हैं। इसके अलावा महाराष्ट्र में 210, दिल्ली में 104, गुजरात में 83 और कर्नाटक में 80 केस हैं, जिनमें से 73 अकेले बेंगलुरु में दर्ज किए गए हैं।
बीते एक हफ्ते में देशभर में कोरोना वायरस से 10 मरीजों की मौत हो चुकी है। इनमें से पांच मौतें महाराष्ट्र में हुई हैं। ठाणे में सोमवार को एक महिला की इलाज के दौरान मृत्यु हुई, जबकि रविवार को 21 साल के युवक की अस्पताल में मौत हुई थी। राजस्थान के जयपुर में सोमवार को दो मरीजों की जान चली गई, जिनमें से एक रेलवे स्टेशन पर मृत मिला था। कर्नाटक के बेंगलुरु में 17 मई को 84 वर्षीय बुजुर्ग की मौत हुई थी, जबकि केरल में दो मरीजों की कोरोना से मृत्यु हुई है।
787 नए कोरोना मरीज दर्ज
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के अनुसार, बीते एक सप्ताह में कुल 787 नए कोरोना मरीज दर्ज किए गए हैं। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) के डायरेक्टर डॉ. राजीव बहल ने जानकारी दी कि देश में अब तक चार नए कोरोना वैरिएंट की पहचान हुई है, जिनमें LF.7, XFG, JN.1 और NB.1.8.1 शामिल हैं। ये वैरिएंट मुख्य रूप से दक्षिण और पश्चिम भारत से लिए गए सैंपलों में पाए गए हैं। डॉ. बहल ने बताया कि मामलों की गंभीरता कम है, लेकिन लोगों को सतर्क रहने की आवश्यकता है। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) ने भी इन वैरिएंट को फिलहाल चिंताजनक श्रेणी में नहीं रखा है, लेकिन इन्हें निगरानी में रखा गया है।
अगस्त 2023 में आया था पहला केस
भारत में सबसे आम कोरोना वैरिएंट JN.1 है, जो ओमिक्रॉन के BA.2.86 स्ट्रेन से जुड़ा हुआ है। यह सबसे पहले अगस्त 2023 में सामने आया था और दिसंबर में WHO ने इसे ‘वैरिएंट ऑफ इंटरेस्ट’ घोषित किया था। इस वैरिएंट में लगभग 30 म्यूटेशन होते हैं, जो शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को कमजोर कर सकते हैं। अमेरिका की जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी के अनुसार, यह वैरिएंट अन्य की तुलना में तेजी से फैलता है, लेकिन ज्यादा घातक नहीं है। वहीं NB.1.8.1 वैरिएंट में ऐसे स्पाइक म्यूटेशन पाए गए हैं, जो इसे और अधिक संक्रामक बनाते हैं और वैक्सीन से बनी इम्यूनिटी को प्रभावित कर सकते हैं।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने लोगों से अपील की है कि घबराएं नहीं, लेकिन सतर्कता बरतें। अगर किसी को लंबे समय तक थकान, बुखार या सांस की दिक्कत जैसे लक्षण बने रहते हैं, तो वह ‘लॉन्ग कोविड’ का संकेत हो सकता है। ऐसे में तुरंत चिकित्सकीय परामर्श लेना जरूरी है। सार्वजनिक स्थलों पर मास्क पहनने, हाथ धोने और भीड़भाड़ से बचने की सलाह दी गई है।