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CGMSC घोटाला: तत्कालीन महाप्रबंधक बसंत कौशिक की जमानत याचिका खारिज

जमानत याचिका खारिज, कोर्ट ने मानी EOW की दलीलें

रायपुर। CGMSC (छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विस कॉर्पोरेशन) घोटाले में जेल में बंद तत्कालीन महाप्रबंधक बसंत कुमार कौशिक को कोर्ट से राहत नहीं मिली। शुक्रवार को स्पेशल कोर्ट ने उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी। बसंत कौशिक ने दावा किया था कि उनकी भूमिका इस अपराध में नहीं है, लेकिन EOW (आर्थिक अपराध अन्वेषण शाखा) ने तर्क दिया कि यह पूरा घोटाला अधिकारियों की मिलीभगत से अंजाम दिया गया, जिसे कोर्ट ने गंभीरता से लिया।

750 करोड़ की खरीदी सिर्फ 27 दिनों में

CGMSC घोटाले में खुलासा हुआ है कि मात्र 27 दिनों में 750 करोड़ रुपए की दवाइयां और चिकित्सा उपकरण खरीदे गए। यह खरीद प्रक्रियाएं भ्रष्टाचार की साजिश के तहत हुईं। रिपोर्ट के अनुसार, 8 रुपए की EDTA ट्यूब को 2,352 रुपए में और 5 लाख की CBS मशीन को 17 लाख में खरीदा गया।

कई कंपनियां और अफसर जांच के घेरे में

इस घोटाले में मोक्षित कॉर्पोरेशन, श्री शारदा इंडस्ट्रीज, रिकॉर्ड्स एंड मेडिकेयर सिस्टम जैसी कंपनियों के नाम सामने आए हैं। मोक्षित के डायरेक्टर शशांक चोपड़ा पहले से ही EOW की रिमांड पर हैं। श्री शारदा इंडस्ट्रीज ने जांच शुरू होते ही अपनी कंपनी अस्थायी रूप से बंद कर दी है।

शिकायत से खुली परतें, FIR दर्ज

घोटाले का खुलासा पूर्व गृहमंत्री ननकीराम कंवर की शिकायत से हुआ। उन्होंने दिल्ली में पीएमओ, गृह मंत्रालय, सीबीआई और ईडी को ज्ञापन सौंपा था। इसके बाद केंद्र ने EOW को कार्रवाई के निर्देश दिए, जिसके बाद 5 लोगों के खिलाफ नामजद एफआईआर दर्ज की गई।

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