सेंट्रल जेल में विचाराधीन बंदी की संदिग्ध मौत, परिजनों ने लगाए गंभीर आरोप

बिलासपुर। छत्तीसगढ़ की न्यायधानी बिलासपुर में स्थित सेंट्रल जेल में एक 20 वर्षीय विचाराधीन बंदी कन्हैया सोनी की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। युवक को एक माह पहले मारपीट के मामले में मस्तूरी क्षेत्र से गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था।
जेल प्रशासन का कहना है कि उसकी तबीयत अचानक बिगड़ी, जिसके बाद इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। हालांकि, परिजनों ने आरोप लगाया है कि उसकी मौत सामान्य नहीं बल्कि जेल में मारपीट और लापरवाही का नतीजा है। जेल अधीक्षक खोमेश मंडावी के मुताबिक, शनिवार को बंदी की तबीयत बिगड़ने पर उसे जेल अस्पताल में भर्ती किया गया था। हालत गंभीर होने पर रविवार की रात उसे सिम्स रेफर किया गया, जहां इलाज के दौरान उसकी मृत्यु हो गई। सोमवार को इस बारे में परिजनों को सूचना दी गई।
परिजन जब सिम्स पहुंचे तो शव की हालत देखकर भावुक हो उठे। मृतक के चाचा अशोक सोनी ने कहा कि कन्हैया एकदम स्वस्थ था और उसे किसी तरह की कोई बीमारी नहीं थी। उन्होंने आरोप लगाया कि जेल में उसे प्रताड़ित किया गया, जिससे उसकी तबीयत बिगड़ी और मौत हो गई। परिजनों ने जेल प्रशासन पर गंभीर लापरवाही और हिंसा के आरोप लगाते हुए मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की है।
मृतक के पड़ोसी ओमप्रकाश टंडन ने भी प्रशासन पर सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि यदि समय पर उचित इलाज मिल जाता, तो कन्हैया की जान बचाई जा सकती थी। परिजनों ने जेल परिसर में लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज सार्वजनिक करने की मांग की है, जिससे घटना की सच्चाई सामने आ सके। पुलिस ने मामले में मर्ग कायम कर जांच शुरू कर दी है। कार्यपालिक मजिस्ट्रेट की उपस्थिति में शव का पोस्टमॉर्टम किया गया है। सिविल लाइन थाना प्रभारी एसआर साहू ने बताया कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मौत के असली कारणों का खुलासा हो पाएगा।