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राज्य सेवा संवर्ग के अफसरों की RTO पोस्टिंग को हाईकोर्ट में चुनौती, राज्य शासन को नोटिस जारी

बिलासपुर। हाईकोर्ट ने छत्तीसगढ़ सरकार को नोटिस जारी करते हुए पूछा है कि क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय (RTO) में राज्य सेवा संवर्ग के अफसरों को तकनीकी पदों पर कैसे नियुक्त किया गया। यह नोटिस परिवहन विभाग के अधिकारियों की याचिका पर जारी किया गया है, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया है कि सरकार ने बिना तकनीकी योग्यता और अनुभव वाले संयुक्त कलेक्टर और डिप्टी कलेक्टर जैसे अधिकारियों को सीनियर RTO जैसे पदों पर तैनात कर दिया है।

याचिकाकर्ता अमित प्रकाश कश्यप, गौरव साहू, विवेक सिन्हा और अन्य ने अधिवक्ता मतीन सिद्दीकी के माध्यम से हाईकोर्ट में कहा कि वे सभी ARTO, RTO और सहायक परिवहन आयुक्त जैसे पदों पर कार्यरत हैं और तकनीकी योग्यता (मैकेनिकल या ऑटोमोबाइल इंजीनियरिंग) रखते हैं। उनके अनुसार, इन पदों के लिए यह योग्यता अनिवार्य है, जो राज्य सेवा संवर्ग के अफसरों के पास नहीं है।

याचिका में बताया गया कि राज्य सरकार ने बार-बार नियमों की अनदेखी कर राज्य प्रशासनिक सेवा (SAS) के अधिकारियों को इन तकनीकी पदों पर प्रतिनियुक्त किया है, जिससे विभागीय अधिकारियों की पदोन्नति और करियर पर असर पड़ रहा है। हाईकोर्ट में जस्टिस बीडी गुरु की एकल पीठ में सुनवाई हुई। अधिवक्ता सिद्धीकी ने कोर्ट में कहा कि परिवहन विभाग का काम बेहद तकनीकी होता है, जिसमें वाहन परीक्षण, सड़क सुरक्षा और मोटरयान अधिनियमों का पालन शामिल है। बिना अनुभव और प्रशिक्षण के अधिकारी इन कार्यों को प्रभावी ढंग से नहीं निभा सकते।

कोर्ट ने मामले की गंभीरता को देखते हुए सामान्य प्रशासन विभाग, परिवहन सचिव और परिवहन आयुक्त को नोटिस जारी कर चार सप्ताह में जवाब मांगा है। याचिकाकर्ताओं ने मांग की है कि उन्हें उनके अनुभव और योग्यता के अनुसार अवसर दिया जाए और नियमों का पालन करते हुए पदस्थापन की जाए।

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