भारत-फ्रांस के बीच 63 हजार करोड़ की राफेल डील, INS विक्रांत पर तैनात होंगे नए फाइटर जेट

दिल्ली। पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के रिश्ते और भी तनावपूर्ण हो गए हैं। इस बीच भारत आज फ्रांस के साथ 26 राफेल मरीन लड़ाकू विमानों की डील पर साइन करने जा रहा है।
ये डील करीब 63 हजार करोड़ रुपये की है, जो अब तक की सबसे बड़ी रक्षा डील मानी जा रही है। डील पर दिल्ली में भारत और फ्रांस के रक्षा मंत्री साइन करेंगे। भारत फ्रांस से 22 सिंगल सीट और 4 डबल सीट राफेल मरीन जेट्स खरीदेगा।
डील को मिली थी मंजूरी
इस डील को 9 अप्रैल को प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट कमेटी ने मंजूरी दी थी। इसके बाद 23 अप्रैल को सुरक्षा मामलों की समिति (CCS) ने भी इस पर मुहर लगा दी। इस डील में सिर्फ विमान ही नहीं, बल्कि उनके मेंटेनेंस, लॉजिस्टिक सपोर्ट, ट्रेनिंग और कुछ भारतीय हिस्सों के निर्माण की भी योजना है।
INS विक्रांत पर तैनाती
इन सभी 26 राफेल मरीन जेट्स को भारतीय नौसेना के एयरक्राफ्ट कैरियर INS विक्रांत पर तैनात किया जाएगा। ये जेट्स भारतीय महासागर में चीन जैसी चुनौतियों से निपटने में मदद करेंगे। इनका बेस विशाखापत्तनम में होगा। पहला बैच 2029 के अंत तक मिलेगा और पूरी खेप 2031 तक नौसेना में शामिल हो जाएगी। इस डील से भारत की नौसैनिक ताकत काफी मजबूत हो जाएगी।
क्या है राफेल मरीन की खासियत?
- लंबाई: 15.27 मीटर
- वजन: 10,600 किलो
- स्पीड: 1,912 किमी/घंटा
- उड़ान ऊंचाई: 50,000 फीट