अल्जीरिया ने 12 फ्रांसीसी अधिकारियों को देश छोड़ने का दिया आदेश, काउंसलर की गिरफ्तारी पर बिगड़े रिश्ते

अल्जीयर्स। अल्जीरिया और फ्रांस के बीच राजनयिक तनाव एक बार फिर सतह पर आ गया है। अल्जीरिया ने सोमवार को फ्रांस के 12 अधिकारियों को 48 घंटे के भीतर देश छोड़ने का आदेश दिया है। यह सख्त कदम फ्रांस में एक अल्जीरियाई काउंसलर की गिरफ्तारी के बाद उठाया गया है। अल्जीरिया ने इस कार्रवाई के लिए सीधे तौर पर फ्रांस के गृह मंत्री ब्रूनो रिटेलो को जिम्मेदार ठहराया है।
तनाव की शुरुआत 11 अप्रैल को हुई जब फ्रांस पुलिस ने तीन अल्जीरियाई नागरिकों को गिरफ्तार किया, जिनमें एक अल्जीरियाई काउंसलर भी शामिल थे। इन पर वर्ष 2024 में पेरिस से अल्जीरियाई सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर अमीर बौखोर्स के कथित अपहरण का आरोप है।
अमीर बौखोर्स, जो 2016 से फ्रांस में रह रहे हैं, अल्जीरियाई सरकार के मुखर आलोचक हैं और उन्हें 2023 में फ्रांस ने राजनीतिक शरण प्रदान की थी। रिपोर्ट्स के अनुसार, अमीर को पेरिस से किडनैप कर 27 घंटे तक बंधक बनाकर रखा गया था, जिसके बाद उन्हें छोड़ दिया गया।
फ्रांस की जांच और अल्जीरिया की आपत्ति
फ्रांसीसी जांच एजेंसियों को काउंसलर के मोबाइल की लोकेशन अमीर के आवास के आसपास मिली, जिससे संदेह और गहरा गया। इसके बाद तीनों अल्जीरियाई नागरिकों को किडनैपिंग, अवैध हिरासत और आतंकी गतिविधियों से जुड़े होने के आरोपों में गिरफ्तार किया गया। अल्जीरिया के विदेश मंत्रालय ने कहा, “हमारे काउंसलर को बिना किसी पूर्व सूचना के सार्वजनिक स्थान से गिरफ्तार किया गया, जो अंतरराष्ट्रीय राजनयिक नियमों का उल्लंघन है।” अल्जीरिया ने फ्रांस के राजदूत स्टीफन रोमाटे को तलब कर अपना विरोध दर्ज कराया और गिरफ्तार नागरिकों की तुरंत रिहाई की मांग की।
राजनयिक संबंधों में बढ़ती तल्खी
12 फ्रांसीसी अधिकारियों को निष्कासित करने का फैसला अल्जीरिया की कड़ी नाराजगी का संकेत है। विश्लेषकों का मानना है कि यह कदम दोनों देशों के बीच पहले से ही तनावपूर्ण रिश्तों को और बिगाड़ सकता है। अल्जीरिया और फ्रांस के बीच औपनिवेशिक अतीत से जुड़ी कई विवादित घटनाएं पहले से ही संवेदनशील मुद्दा बनी हुई हैं।