Chhattisgarh

आरक्षण बिल पर हो जल्द फैसला,अब देरी नहीं चलेगी: बैज

रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा से पारित विधेयकों को राज्यपाल के पास लंबे समय तक रोके रखने को लेकर दिए सुप्रीम कोर्ट के फैसले का असर छत्तीसगढ़ में दिखाई दे रहा है।

प्रदेश में 76 फीसदी आरक्षण वाले विधेयक को लेकर कांग्रेस ने मांग की है कि राज्यपाल अब और देरी न करें और विधेयक पर तुरंत हस्ताक्षर करें। पार्टी का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसले के बाद लोगों को उम्मीद जगी है कि अब उनका हक उन्हें मिलेगा। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने सीधा आरोप लगाया कि बीजेपी की साजिश और दुर्भावना की वजह से ये विधेयक दो साल से राजभवन में अटका पड़ा है। उन्होंने कहा, भाजपा नेताओं की वजह से ही अनुसूचित जाति, जनजाति, ओबीसी और सामान्य वर्ग के गरीबों को मिलने वाला उनका हक आज तक लटका हुआ है।

तमिलनाडु केस में सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला

सुप्रीम कोर्ट ने साफ कहा है कि राज्यपाल विधानसभा से पास हुए बिलों को अनिश्चितकाल तक नहीं रोक सकते। कोर्ट ने कहा कि राज्यपाल को मंत्री परिषद की सलाह पर काम करना होता है, वो अपने मन से फैसला नहीं ले सकते। ‘वीटो’ जैसी कोई पावर उनके पास नहीं है। यानी अब राज्यपाल किसी बिल को फाइल में दबाकर नहीं रख सकते। अब जब सुप्रीम कोर्ट ने राज्यपालों के विधेयकों पर फैसले को लेकर दिशा-निर्देश दिए हैं, तो उम्मीद है कि छत्तीसगढ़ के राज्यपाल भी इन फाइलों पर जल्द फैसला लें।

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