पंचायत सचिव अनिश्चितकालीन हड़ताल पर विकास कार्य ठप; 1 अप्रैल को करेंगे विधानसभा घेराव

कोंडागांव। जिले भर के 300 पंचायत सचिव 17 मार्च से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं। उनका एकमात्र मांग शासकीयकरण है, जिसे पूरा करने के लिए वे सरकार से बार-बार अपील कर रहे हैं। सचिवों का कहना है कि विधानसभा चुनाव से पहले सरकार ने मोदी की गारंटी के तहत उनका शासकीयकरण करने का वादा किया था, लेकिन एक साल बीत जाने के बाद भी कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।
हड़ताल के कारण ग्रामीण क्षेत्रों में विकास कार्यों पर असर पड़ा है। सबसे ज्यादा प्रभावित प्रधानमंत्री आवास योजना हो रही है, जिससे कई लाभार्थी परेशान हैं। इसके अलावा जन्म-मृत्यु प्रमाणपत्र और अन्य प्रशासनिक कार्य भी रुके हुए हैं। लोग पंचायत भवन पहुंच रहे हैं, लेकिन सचिवों की अनुपस्थिति के कारण उनका काम नहीं हो पा रहा है। पंचायत सचिवों ने चेतावनी दी है कि यदि सरकार जल्द कोई कदम नहीं उठाती, तो उनका आंदोलन और उग्र होगा। 1 अप्रैल को सचिव राजधानी में विधानसभा घेराव करेंगे।
सरपंचों का भी समर्थन
पंचायत सचिवों को सरपंचों का भी समर्थन मिल रहा है। सचिव संघ का कहना है कि 1995 से उनकी यह लड़ाई चल रही है, लेकिन अब तक कोई सुनवाई नहीं हुई। महिला सचिवों ने भी सरकार से अपील की है कि सेवा के बाद उन्हें कोई सुविधा नहीं मिल रही, इसलिए सरकार को उनकी मांगों को गंभीरता से लेना चाहिए। सचिवों ने साफ किया है कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी गईं, तो वे अपना आंदोलन और तेज करेंगे। अब यह देखना होगा कि सरकार इस पर क्या कदम उठाती है।