Chhattisgarh

ड्रोन मैपिंग से विवादित संपत्तियों का होगा निपटारा, पद सम्हालने से पहले महापौर ने शुरू किया काम

धमतरी (विश्वनाथ गुप्ता)। जिले के महापौर रामू रोहरा ने शपथ समारोह से पहले ही अपने वादो को पूरा करना शुरू कर दिया है। धमतरी के सबसे बड़े विवादों में से एक पेंटीनगंज की जमीन को लेकर काम शुरू हो गया है। इस जमीन की ड्रोन मैपिंग के जरिए नाप कराया जा रहा है। इसके अलावा, शासकीय भूमि, राजस्व भूमि, नजूल भूमि और निजी भूमि की भी ड्रोन मैपिंग की जाएगी। इससे विकास के रास्ते में रुकावट डालने वाले विवादों का हल निकाला जा सकेगा। यह योजना भारत सरकार द्वारा उन जिलों में चलाई जा रही है, जहां विकास के मुद्दों में विवाद हैं।

नक्शा प्रोजेक्ट के तहत काम

इस पायलट प्रोजेक्ट को “नक्शा” नाम दिया गया है और यह डिजिटल इंडिया और मॉडर्नाइजेशन प्रोग्राम का हिस्सा है। इस योजना में आधुनिक ड्रोन के माध्यम से शहरी क्षेत्रों की 3D डिजिटल मैपिंग की जाएगी। इसमें सर्वे ऑफ इंडिया की टीम काम कर रही है, और ड्रोन उड़ाकर पूरे नगर निगम क्षेत्र का सर्वेक्षण किया गया है।

डिजिटल मैपिंग के बाद, छत्तीसगढ़ का राजस्व विभाग इसे ग्राउंड मैपिंग से मिलाएगा, और दोनों डेटा को एकीकृत करके केंद्र सरकार इसे राज्य सरकार को सौंपेगी। धमतरी कलेक्टर ने बताया कि इस प्रक्रिया से जिला प्रशासन को योजना बनाने और विवादों को सुलझाने में काफी मदद मिलेगी, खासकर उन मामलों में जो अदालतों में लंबित हैं।

धमतरी महापौर ने कहा कि

इस डेटा का इस्तेमाल रेन वाटर ड्रेनेज की योजना बनाने और अवैध प्लाटिंग पर रोक लगाने में किया जा सकता है। यह प्रोजेक्ट छत्तीसगढ़ के तीन जगहों पर पायलट प्रोजेक्ट के रूप में लागू किया गया है, जिनमें धमतरी निगम भी शामिल है।

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