
मनीष सवरैया@महासमुंद। आज महासमुंद के न्यायालय परिसर में भरी गहमा गहमी हो गई। जब वन विकास निगम आरंग के अधिकारियों ने लगभग 124 महिलाओं को छोटे छोटे बच्चों के साथ कार्रवाई कर न्यायालय ले आए। महिलाओं को जब वकीलों ने पूछा पट्टा लेकर आए हो जमानत के लिए। तब महिलाओं ने जवाब दिया कि हम जेल जाएंगे लेकिन जमानत नहीं लेंगे। मामला महासमुंद जिले के ग्राम लोहारडीह का है। जहां लगभग 124 महिलाएं आज वन विकास निगम आरंग क्षेत्र के कक्ष क्रमांक 860 के जमीन पर गुजर बसर के लिए खेत बना रहे थे। वन विकास निगम आरंग क्षेत्र के कुछ अधिकारियों ने जानकारी देते हुए बताया है कि वन भूमि पर कब्जा कर रहे ग्रामीणों की नोटिस जारी कर पेड़ों की कटाई कर खेत में मेड़ बनाने दस्तावेज प्रस्तुत करे, लेकिन ग्रामीणों ने दस्तावेज प्रस्तुत न कर उल्टा अनवरत पेड़ की कटाई जारी रखी थी। जिस पर आज वन विकास निगम आरंग ने कार्रवाई करते हुए लोहारडीह के ग्रामीण महिलाओं को गिरफ्तार कर न्यायालय में प्रस्तुत किया है।
ग्रामीण महिलाओं ने बताया कि हम सभी अत्यंत गरीब है। आजीविका के लिए वन विभाग की ज़मीन पर खेत बना रहे हैं। ऐसा नहीं है कि कोडार क्षेत्र की जमीन पर सिर्फ लोहारडीह के ग्रामीण ही कब्जा कर रहे हैं। इससे पहले भी, वन विकास निगम की जमीन पर घोंघी बाहरा, बंजारी, कोडार, परसापली सहित अन्य गांव के ग्रामीणों ने कब्जा किया है, जिन्हें सरकार ने पट्टा दे दिया है। ग्रामीण महिलाओं का कहना ही कि वन विकास निगम की जमीन पर रसूखदार लोगों द्वारा कब्जा किया गया है लेकिन वन विकास निगम आरंग सांठगांठ कर कार्रवाई नहीं कर रही है।
मामले की जानकारी के लिए वन विकास निगम आरंग के डीएफओ रौनक गोयल से मोबाइल पर अनेकों बार सम्पर्क करने की कोशिश की गई, लेकिन डीएफओ ने फोन उठा कर जवाब देने की जहमत नहीं उठाई।