छत्तीसगढ़मुंगेली

पहली बारिश में कीचड़ में तब्दील हुआ राजस्व परिसर, लोगों का चलना मुश्किल

गुड्डू यादव@मुंगेली. बरसात की पहली बारिश में ही मुंगेली के गीधा स्थित नवनिर्मित तहसील एव अनुविभागीय अधिकारी राजस्व परिसर कीचड़ में तब्दील हो गया है। आलम ये है कि ऐसी स्थिति में वाहन खड़ा करना तो दूर पांव रखना भी मुश्किल हो गया है। इस समस्या का सामना न सिर्फ कामकाज लेकर यहां पहुंच रहे लोग कर रहे हैं, बल्कि यहां पदस्थ अधिकारी एवं कर्मचारी भी इससे अच्छे खासे परेशान हैं। लोगों का कहना है कि निर्माण एजेंसी विभाग ने आनन-फानन कार्य पूर्ण हुए बिना ही तहसील कार्यालय को राजस्व विभाग को हैंडओवर कर दिया है। जिसके चलते अब लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा है। बरसात से पहले या हैंडओव्हर करने से पहले ही तहसील एवं अन्य विभागीय अधिकारी राजस्व के इस मैदान को उस तरीके से समतलीकरण कर लिया जाना था जिससे बरसात में दिक्कत न हो, लेकिन विभागीय अधिकारी एवं ठेकेदारों ने ऐसा नही किया है ।हालांकि मुंगेली एसडीएम अमित कुमार का कहना है कि तहसील परिसर के सामने में पेड़ पौधे एवं घास लगाना आदि प्रस्तावित है। जिसके चलते यहाँ अन्य तरह का कार्य नही कराया जा रहा है। वही उन्होंने यह भी कहा कि लोगों को आने-जाने वाहन पार्किंग करने में दिक्कत ना हो इसके लिए वर्तमान समय मे वैकल्पिक व्यवस्था किया जा रहा है।

बिजली की आंखमिचौली से कामकाज प्रभावित लोग परेशान

इस बार की गर्मी में सबसे ज्यादा गर्म प्रदेश भर में मुंगेली जिला रहा है इसके बावजूद जिले में बार बार बिजली की अघोषित कटौती की जा रही है.. जिससे लोगों को उमस भरी गर्मी में भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.बिजली संकट का सामना न सिर्फ आमलोग बल्कि जिला मुख्यालय स्थित तहसील कार्यालय जूझ रहा है.

गीधा स्थित तहसील कार्यालय में दिन भर में दर्जनो बार अघोषित बिजली बंद कर दी जाती है जिससे विभागीय कामकाज बहुत ज्यादा प्रभावित हो रहा है..इसके अलावा बार बार बत्ती गुल होने से कामकाज लेकर पहुँचे आम लोगों से लेकर यहाँ के अधिकारी कर्मचारी भी गर्मी से दो चार हो रहे है ।न्यायालय के कामकाज से लेकर कम्यूटर सम्बंधित कामकाज मोबाइल के टॉर्च में करने की नौबत आ गई हैं..

आमलोगों का कहना है कि जिस दफ्तर में तहसीलदार व एसडीएम जैसे अधिकारी बैठते हो उस जगह पर इस तरह से बत्ती गुल हो जा रहा है तो जिले में शहर से लेकर ग्रामीण अंचलों में बिजली विभाग के ठेकेदारों की मनमानी कितने चरम सीमा पर है ये समझा और दिखा जा सकता है

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