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गरियाबंद

Rajim माघी पुन्नी मेला, छत्तीसगढ़ के सुप्रसिद्ध एवं स्थानीय लोक कलाकारों की होगी रंगारंग सांस्कृतिक प्रस्तुति, पंथी, पंडवानी, भरथरी सहित पद्मश्री डॉ. ममता चन्द्राकर की प्रस्तुति होंगे मुख्य आकर्षण

रवि तिवारी@गरियाबंद। राजिम माघी पुन्नी मेला 2022 के मुख्य मंच पर छत्तीसगढ़ के सुप्रसिद्ध लोक गायकों और कलाकारों द्वारा राज्य के पारंपरिक कला एवं सांस्कृतिक और छत्तीसगढ़ वासियों के मन में रचे-बसे कार्यक्रमों की प्रतिदिन प्रस्तुति दी जायेगी। कार्यक्रम के पहले दिन 16 फरवरी को शाम 6 बजे से रात्रि 7.30 बजे तक पंडवानी गायिका उषा बारले तथा रात्रि 8 बजे से रात्रि 10 बजे तक दिलीप षंढ़गी द्वारा प्रस्तुति से मेला की रंगारंग शुरूआत होगी। इसी तरह 01 मार्च महाशिवरात्रि तक प्रत्येक दिन तीन कार्यक्रमों की प्रस्तुति होगी।

दूसरे दिन 17 फरवरी को लोक प्रयाग राजिम तथा दिनेश जांगड़े द्वारा पंथी और महेश वर्मा द्वारा लोकमंच की प्रस्तुति दी जायेगी। तीसरे दिन 18 फरवरी को प्रसिद्ध भरथरी गायिका रजनी रजक, पंडवानी गायिका ऋतु वर्मा और भिलाई के रिखी क्षत्रीय द्वारा प्रस्तुति दी जायेगी। 19 फरवरी को लोक मंच, लोक सृजन तथा सुप्रसिद्ध गायिका छाया चन्द्राकर प्रस्तुति देंगे। 20 फरवरी को पंडवानी गायिका प्रभा यादव और गोपी चंदा तथा गोरेलाल बर्मन की प्रस्तुति होगी। 21 फरवरी को टिकेन्द्र वर्मा के लोकमंच तथा पूनम विराट प्रस्तुति देंगे।

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22 फरवरी पंडवानी गायक चेतन देवांगन, भरथरी गायिका रेखा जलक्षत्री तथा खरोरा के चन्द्रभूषण वर्मा, 23 फरवरी को पद्मश्री आर.एस. बारले द्वारा पंथी नृत्य तथा दुर्ग के राग अनुराग, 24 फरवरी को पप्पु चन्द्राकर के लोकमंच एवं अनुराग धारा के माध्यम से कविता वासनिक प्रस्तुति देंगे। 25 फरवरी को लोक सरगम हिम्मत सिन्हा, अमृता बारले के भरथरी तथा दीपक चन्द्राकर के लोकरंग अर्जुन्दा की प्रस्तुति होगी। 26 फरवरी को लोकमंच कचरा-बोदरा एवं कोरिया के सुनील मानिकपुरी मुख्य आकर्षण होंगे। 27 फरवरी को शिवा जांगड़े के लोकमंच और चंदैनी गोंदा, 28 फरवरी को मीना साहू द्वारा पंडवानी, यशवंत डहरिया द्वारा पंथी एवं रायपुर के अनुराग शर्मा द्वारा प्रस्तुति दी जायेगी। कार्यक्रम के समापन दिवस पर पद्मश्री डॉ. ममता चन्द्राकर द्वारा तथा तरूण निषाद के लोकमंच कार्यक्रम आयोजित किया गया है।

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