Budget 2022: मोदी सरकार में बदली ये दशकों पुरानी बजट परंपराएं…देखिए ये बड़े बदलाव
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नई दिल्ली। देश का बजट पेश होने में महज एक दिन ही शेष है। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को नरेंद्र मोदी सरकार का 10 वां आम बजट पेश करेंगी। अब आपको बजट के इतिहास के बारे में भी जानना जरूरी है। कैसे पहले और आज के बजट में बदलाव हुआ। पीएम नरेंद्र मोदी ने बजट के साथ जुड़ी परंपराओं में कई बदलाव किए।
आम बजट के तारीख में बदलाव
मोदी सरकार (Modi Government) ने आम बजट को पेश करने की परंपरा बदली। साल 2014 तक फरवरी महीने के अंतिम तारीख यानी कि 28 या 29 फरवरी को बजट पेश किया जाता था। मगर मोदी सरकार ने आम बजट की तारीख बदल दी आम बजट पेश करने की तारीख फरवरी के अंत के बजाय शुरुआत से कर दी। यानी बजट 1 फरवरी को पेश किया जाने लगा। यह बजट परंपराओं में एक बड़ा बदलाव था।
रेल बजट का आम बजट में विलय
1924 से चली आ रही रेल बजट की परंपरा को भी मोदी सरकार ने बदल दिया। 2016 में रेल बजट का आम बजट के साथ मिलाकर पेश किया था। उस साल वित्त मंत्री अरुण जेटली (Finance Minister Arun Jaitley) थे। इससे पहले रेल बजट और आम बजट को पहले पेश किया जाता था।
लाल ब्रीफकेस के बजाय बजट लाल कपड़े में आता है आम बजट
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने साल 2019 में बजट के स्वरूप में बदलाव किया है। 1947 से देश का आम बजट संसद में पेश होने के लिए एक लाल रंग के ब्रीफकेस में आया करता था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने साल 2019 में इस परंपरा में भी बदलाव किया। लाल ब्रीफकेस के बजाय बजट लाल कपड़े में लपेटकर बही-खाते के रूप में लाया जाने लगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने इस बदलाव पर कहा था कि देश का बजट दरअसल देश का बही-खाता होता है, इसलिए उन्होंने बजट के स्वरूप में बदलाव किया है।
मोदी ने रईसों पर लगाया सरचार्ज
बजट इतिहास की कई परंपराओं को बदलते हुए मोदी सरकार ने एक और बड़ा बदलाव किया। ये बदलाव था देश के रईसों पर लगने वाले वेल्थ टैक्स को हटा दिया गया और इसके बजाय सरचार्ज लगाया जाने लगा। 2016 के बजट में सरकार ने 1 करोड़ से अधिक की कमाई करने वाले अमीरों पर सरचार्ज 12 फीसदी से बढ़ाकर 15 फीसदी कर दिया।