गरियाबंद

Gariyaband: 14 पंचों समेत सैकड़ों ग्रामीण पहुंचे कल कलेक्टर दफ्तर, जांच हो या इस्तीफा मंजूर करने की रखी मांग…

रवि तिवारी@मैनपुर। (Gariyaband) सरपंच के खिलाफ लामबंद होकर पंच व ग्रामीणों ने पंचायती कार्यों में भष्ट्राचार व मनमानी का आरोप लगाया है। शिकायत के बाद भी अब तक कार्रवाई नहीं हुई है। परेशान पंचों ने कलेक्टर कार्यालय में आवेदन देकर सामूहिक इस्तीफे की पेशकश कर दी। कार्रवाई नहीं करने पर नेशनल हाइवे 130 सी जाम करने की चेतावनी पंचों ने दी है। (Gariyaband) मंगलवार को मैनपुर विकासखंड के कांडेकेला पंचायत के पंच समेत लगभग 80 से अधिक ग्रामीणों ने कलेक्टर कार्यालय में सामूहिक इस्तीफ़े की पेशकश की है। पंचगण इसका कारण प्रशासनिक लचरता बता रहे हैं।

(Gariyaband) पंचों के अनुसार ग्राम पंचायत सरपंच नंदकिशोर कोमर्रा व सचिव दुरुप सोनवानी द्वारा लगातार जमकर भर्राशाही के मामले सामने आ रहे हैं। जिसके खिलाफ पंचों ने मैनपुर जनपद सीईओ, एसडीएम, जिला पंचायत सीईओ व कलेक्टर को शिकायत की थी। बावजूद रसूखदार सरपंच के खिलाफ कार्रवाई की पहल प्रशासन ने नहीं की। अब परेशान 14 पंचों ने कलेक्टर निलेश क्षिरसागर से मिलकर उनके समक्ष इस्तीफ़े की पेशकश की है। पंचों का कहना है कि शिकायत के बाद प्रशासन अगर कार्रवाई से हाथ खड़ा कर रहा है, तो यह हमारे आत्मसम्मान के खिलाफ है। अब या तो कलेक्टर पंचायत में हुए भ्रष्टाचार की जांच करवाए या हमारा इस्तीफे को

दोनों में से कोई एक कार्यवाही भी नहीं हुई तो पंच व ग्रामीण 10 अगस्त को धुर्वागुड़ी में नेशनल हाईवे 130सी पर चक्काजाम करने की चेतावनी जिला प्रशासन को दी है। ग्रामीणों व पंचों को आश्वासन देते हुए कलेक्टर नीलेश क्षीरसागर ने मौके पर ही जांच टीम गठित कर जांच करने के निर्देश दिए हैं।सम्भवत:एक-दो दिवस के भीतर ग्रामीणों व पंचों को जानकारी देकर जांच टीम ग्राम पंचायत कांडेकेला पहुँचेगी।

पंचों ने कहा जांच हुई तो 40 लाख से अधिक का घोटाला सामने आएगा

कलेक्टर दफ्तर पहुंचे पंचों ने बताया की ग्राम पंचायत में 14वें, 15वें वित्त व मूलभूत व मनरेगा फंड में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार किया है। इसमें 40 लाख से अधिक का कार्य ज़मीनस्तर से ग़ायब है। जिसमें गांव की मुरुमिकरण कार्य,नाली निर्माण,सीसी सड़क निर्माण,सहित मनरेगा के कार्य भी शामिल हैं। मामले की जांच हुई तो एक-एक कर के बड़े घोटाले की पोल खुलेगी।

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फर्जी प्रस्ताव बनाने का लगा है आरोप

पंचों का कहना है कि सरपंच-सचिव पंचायती नियमावली की धज्जियाँ उड़ा रहे हैं। नियम के मुताबिक पंचायत में ग्राम सभा की बैठक रखकर आय-व्यय की तमाम जानकारी पंचों को देना होता है। इसके बाद सम्बंधित कार्य का प्रस्ताव तैयार कर आगे की पहल की जाती है। मगर सरपंच व सचिव प्रस्ताव बिना पंचों को बुलाये,स्वयं प्रस्ताव बनाकर मुख्यालय में जमा कर देते हैं। पंचो ने बताया कि उक्त बातें 30 जुलाई की एक बैठक में ग्रामवासियों ने सरपंच के सामने रखी थी, साथ ही आय-व्यय की जानकारी भी मांगी गई, पर सवाल से पीछा छुड़ाते सरपंच बैठक से चले गए।

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