
रायपुर। (Investigation against GP Singh in three different cases) निलंबित आईपीएस अधिकारी जीपी सिंह की मुसीबतें कम होने का नाम नहीं ले रही है. अब तीन अलग-अलग मामलों में जीपी सिंह के खिलाफ जांच शुरू हो चुकी है. इसके लिए राज्य सरकार ने सीनियर आईपीएस अधिकारी को नियुक्त किया है. इसमें से कई मामले काफी पुराने है, जिनकी फाइलें सालों बाद खुल रही है.
जानिए किन-किन आईपीएस अधिकारी को दिया गया हैं जांच का जिम्मा
(Investigation against GP Singh in three different cases) राज्य सरकार ने 3 अलग-अलग मामलों में 3 सीनियर आईपीएस अधिकारियों को नियुक्त किया है. पहले मामले में स्पेशल डीजी अशोक जुनेजा को जांच का जिम्मा सौंपा गया है. जबकि दूसरे में दुर्ग आईजी विवेकानंद सिन्हा और एक अन्य में रायपुर आईजी आनंद छाबड़ा को जांच अधिकारी को नियुक्त किया गया है.
पहला मामला 2013 का है,. जिसके लिए डीजी अशोक जुनेजा को जांच अधिकारी बनाया गया है. रायपुर के देंवेद्र नगर के रहने वाले 22 वर्षीय दुर्लभ अग्रवाल ने रायपुर के पूर्व आईजी जीपी सिंह, तत्कालीन एसपी ओपी प़ल और तत्कालीन डीएसपी अर्चना झा के खिलाफ शिकायत दर्ज करायी गई है। 2013 में जब दुर्लभ 13 साल का था. (Investigation against GP Singh in three different cases तब उसके और परिवार के साथ राय़पुर एसपी कार्यालय में एसपी और डीएसपी की तरफ से हमला किया गया था. इस मामले की जांच का जिम्मा आईजी जीपी सिंह को सौंपा गया था. बिना जांच के ही जीपी सिंह ने मीडिया में बयान दिया. उन्होंने सीसीटीवी देखा है, इसमें किसी तरह का अपराध परीलिक्षित नहीं हो रहा है।
दूसरा मामला जिसकी जांच दुर्ग आईजी विवेकानंद सिन्हा करेंगे। महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के मोस्ट वांटेंड रहे इस नक्सली लीडर ने 3 साल पहले अगस्त 2018 में जीपी सिंह के सामने ही सरेंडर किया था। उस समय जीपी सिंह दुर्ग IG थे। जांच दल को सिंह के बंगले से कुछ ऐसे कागज मिले हैं, जिनमें पहाड़ सिंह के सरेंडर संबंधी बातें लिखी हुई हैं। बताया जा रहा है कि पहाड़ सिंह के पास नक्सलियों के करोड़ों रुपए थे, जिन्हें वह नोटबंदी के दौरान व्यापारियों से बदलने के लिए लाया था। नक्सलियों ने अपने पुराने नोट बदलने के लिए पहाड़ सिंह के जरिए बाहर भेजे थे। चर्चा थी कि पहाड़ ने 6 करोड़ रुपए कवर्धा, राजनांदगांव और दुर्ग के कुछ बड़े कारोबारियों को बदलने के लिए पुराने नोट दिए थे। जीपी सिंह ने उन व्यापारियों को फंसाने की धमकी देकर वो रकम वसूल लिये और फिर उसका गबन कर लिया। इस मामले में आईजी जीपी सिंह पर नक्सलियों के साथ सांठगांठ का भी आरोप लगाया गया है।
मनजीत कौर बल की शिकायत की रायपुर आईजी करेंगे जांच
मनजीत कौर बल ने आरोप लगाया है कि आरोपी कमलाकांत तिवारी को निलंबित आईपीएस जीपी सिंह ने बचाने की कोशिश की। हालांकि ये मामला 2016 का है, इस मामले में मनजीत कौर बल ने दोबारा से पत्र भेजकर डीजीपी से प्रकरण की जांच की मांग की है।