छत्तीसगढ़ में बिकने वाली 9 दवाएं अमानक, एक नकली मिली: एल्बेंडाजोल, फंगल क्रीम और पैरासिटामॉल शामिल

रायपुर। केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO) की सितंबर 2025 की रिपोर्ट में छत्तीसगढ़ की 9 दवाएं अमानक और एक नकली पाई गई है। देशभर में कुल 112 दवाओं के सैंपल क्वालिटी टेस्ट में फेल हुए हैं। प्रदेश में मिली नकली दवा भी इसी रिपोर्ट में शामिल है।
इनमें एल्बेंडाजोल (कृमि मारने की दवा), पैरासिटामॉल (दर्द निवारक), एमोक्सिलीन (सर्दी-खांसी और बैक्टीरियल संक्रमण में प्रयोग), और कुछ फंगल क्रीम शामिल हैं। 9 दवाओं को “नॉट ऑफ स्टैंडर्ड क्वालिटी” (NSQ) और एक को नकली (Misbranded) घोषित किया गया है। इसका मतलब है कि ये दवाएं मरीजों को ठीक करने के बजाय नुकसान भी पहुंचा सकती हैं।
रिपोर्ट के अनुसार, एल्बेंडाजोल के चार अलग-अलग बैच लगातार फेल पाए गए, जिनका निर्माण एएफएफवाई पैरेंटेरल्स ने किया था। एमोक्सिलीन टैबलेट्स (बैच CT2193) में सक्रिय तत्व की मात्रा मानक से कम पाई गई। वहीं मैकलियोड्स फार्मास्युटिकल्स की फंगल क्रीम नकली मिली। इस कंपनी के पास लाइसेंस नहीं था और उसने किसी अन्य ब्रांड का नाम इस्तेमाल किया।
पैरासिटामॉल की विभिन्न ब्रांड्स, जैसे HSN बॉयोटेक और एड केम फार्मास्युटिकल्स की दवाएं भी क्वालिटी टेस्ट में फेल रहीं। सभी अमानक दवाओं में डिजोल्यूशन टेस्ट और Assay टेस्ट में खामी मिली।
रायपुर दवा कारोबारियों के अनुसार, इन दवाओं का प्रदेश में करोड़ों का कारोबार है। एल्बेंडाजोल की एक महीने की खपत 8-10 लाख, एमोक्सिलीन 8 लाख, पैरासिटामॉल लगभग 2 करोड़ और नकली फंगल क्रीम की 200 पेटियों तक है।
नियंत्रक खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग को CDSCO की लिस्ट अभी तक प्राप्त नहीं हुई है। विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि दवा खरीदते समय पर्चे, बैच नंबर और मैन्युफैक्चरिंग डेट जांचें, हमेशा लाइसेंस्ड मेडिकल स्टोर से खरीदें और संदेह होने पर डॉक्टर से संपर्क करें।
CDSCO हर महीने दवाओं का क्वालिटी चेक करता है और फेल या नकली पाई गई दवाओं की लिस्ट अपनी वेबसाइट पर जारी करता है।





