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पूर्व आईजी समेत 8 पुलिसकर्मियों को उम्रकैद की सजा, इस मामले में कोर्ट ने सुनाई सजा

शिमला।  कोटखाई में हुए बहुचर्चित गुड़िया दुष्कर्म और हत्याकांड में गिरफ्तार आरोपी सूरज की लॉकअप में हत्या मामले में चंडीगढ़ की सीबीआई कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है. कोर्ट ने मामले में दोषी पूर्व आईजी जहूर हैदर जैदी समेत 8 पुलिस अफसरों और कर्मचारियों को उम्रकैद की सजा सुनाई है. साथ ही सभी दोषियों पर कोर्ट ने 1-1 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है. इससे पहले सीबीआई कोर्ट ने सोमवार सुबह दोषियों से उनकी आखिरी अपील सुनी. हिमाचल के इतिहास में ये पहली बार है जब किसी मामले की जांच कर रही एसआईटी को ही उम्रकैद की सजा सुनाई गई हो।

आखिर क्या था ये पूरा मामला?

बता दें कि बीती 4 जुलाई 2017 को जब छात्रा स्कूल से वापस लौट रही थी, तभी उसका अपहरण कर उसके साथ दुष्कर्म की वारदात को अंजाम दिया गया और उसके बाद उसकी बेरहमी से हत्या कर दी गई थी. 7 जुलाई 2017 को गुड़िया का शव कोटखाई के जंगल से बरामद हुआ था. मामले की जांच के 2 दिन बाद स्थानीय पुलिस से ये मामला हिमाचल पुलिस की स्टेट एसआईटी को सौंपी गई. उस समय शिमला के आईजी जहूर जहूर हैदर जैदी की अगुवाई में एसआईटी गठित की गई थी. इस मामले में एसआईटी ने राजू और सूरज नाम के 2 लोगों को गिरफ्तार किया गया था. लेकिन सूरज की पुलिस कस्टडी में ही मौत हो गई थी

मौत मामले में हिमाचल पुलिस ने जांच को  सीबीआई को सौंप दिया था और सीबीआई ने इस मामले में दुष्कर्म-हत्याकांड की जांच करने वाली एसआईटी के सभी सदस्यों के खिलाफ हत्या की धारा 302 समेत अन्य धाराओं के तहत केस दर्ज किया था. इस मामले में आईपीएस जहूर हैदर जैदी के अलावा तत्कालीन डीएसपी समेत 8 पुलिस कर्मियों को नामजद किया गया. सीबीआई जांच में खुलासा हुआ कि सूरज की मौत पुलिस प्रताड़ना के कारण हुई थी।

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