फर्जी कार्डियोलॉजिस्ट के इलाज से 7 मरीजों की मौत, दूसरों की डिग्री पर लिख लिया अपना नाम

दमोह। मध्य प्रदेश के दमोह के एक मिशन अस्पताल में इलाज के दौरान 7 मरीजों की मौत के मामले में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। इलाज करने वाला डॉक्टर नरेंद्र यादव उर्फ एन.के.एम. जोन फर्जी निकला। उसने दूसरी महिला की डिग्री पर अपना नाम लिख कर खुद को कार्डियोलॉजिस्ट बताया।

आपको बता दे, कि डॉक्टर नरेंद्र यादव और उसकी पत्नी दिव्या रावत पर पहले से ही कई आपराधिक मामले दर्ज हैं। दमोह में सात मरीजों की मौत के बाद सीएमएचओ डॉ. मुकेश जैन ने थाने में देर रात शिकायत दी। जांच में पता चला कि डॉक्टर की डिग्री किसी और महिला के नाम पर है, यानी वह फर्जी डॉक्टर है। मरीजों की मौत के बाद आरोपी दमोह से फरार है।

कौन है यह फर्जी डॉक्टर?

पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार आधार कार्ड से मिली जानकारी के आधार पर आरोपी की शिनाख्त नरेंद्र के रुप में हुई है। वो उत्तराखंड के देहरादून का रहने वाला है। दमोह में वह गुजरात के रजिस्ट्रेशन वाले वाहन से घूम रहा था। साल 2019 में तेलंगाना के रचकोंडा में एक अस्पताल में फर्जीवाड़े के आरोप में मामला दर्ज हुआ था। उसने खुद को जर्मनी का विशेषज्ञ डॉक्टर, “वरिष्ठ इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजिस्ट और इलेक्ट्रोफिजियोलॉजिस्ट” बताया।

मानव अधिकार आयोग की जांच

इस गंभीर मामले की जांच के लिए राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग की टीम सोमवार को दमोह पहुंचेगी। पीड़ित परिवारों ने फरवरी में शिकायत की थी, लेकिन प्रशासन ने कोई सख्त कदम नहीं उठाया। मामला तब गंभीरता से लिया गया जब यह राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग तक पहुंचा।

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