52 टाइगर रिजर्व, 12,000 तेंदुए: पीएम मोदी के वन्यजीव संरक्षण कार्यक्रम के बारे में….?

नई दिल्ली। पीएम नरेंद्र मोदी के वन्यजीव संरक्षण के प्रयास 2014 के बाद से संरक्षित क्षेत्रों के 4.90 प्रतिशत से बढ़कर 5.03 प्रतिशत होने के साथ फलिभूत हो रहे हैं।
देश में संरक्षित क्षेत्र 2014 में 740 से बढ़कर 2022 में 981 हो गए हैं, जो 1,71,921 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला हुआ है। पिछले चार वर्षों में वन और वृक्षों के आवरण में भी 16,000 वर्ग किलोमीटर की वृद्धि हुई है।
भारत भी उन कुछ देशों में शामिल है जहां वन क्षेत्र लगातार बढ़ रहा है। सामुदायिक भंडार की संख्या में भी वृद्धि हुई है। 2019 में यह संख्या 43 से बढ़कर 100 से अधिक हो गई है।
जब बाघ संरक्षण की बात आती है, तो वैश्विक स्तर पर जंगली बाघों की लगभग 75 प्रतिशत आबादी के साथ, भारत 18 राज्यों में 75,000 वर्ग किमी में फैले 52 बाघ अभयारण्यों का घर है।
भारत ने 2022 के लक्षित वर्ष से चार साल पहले 2018 में ही बाघों की आबादी को दोगुना करने का लक्ष्य हासिल कर लिया।
बाघों की आबादी 2014 में 2,226 से बढ़कर 2018 में 2,967 हो गई है।
बाघ संरक्षण के लिए बजट आवंटन 2014 में 185 करोड़ रुपये से बढ़कर 2022 में 300 करोड़ रुपये हो गया है। 2015 के बाद से एशियाई शेरों की आबादी में लगातार वृद्धि हुई है, जिसमें 674 व्यक्तियों की आबादी और 523 शेरों से 28.87 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। 2014 में 7,910 के पिछले अनुमान की तुलना में भारत में अब 12,852 तेंदुए हैं। तेंदुए की आबादी में 60 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि दर्ज की गई है।