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सरकारी नौकरी का झांसा देकर 50 लाख की ठगी: CM हाउस में पोस्टिंग का दावा किया, फर्जी नियुक्ति आदेश देकर बेरोजगारों से वसूले रुपए


बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में सरकारी नौकरी लगाने का झांसा देकर दुर्ग और अंबिकापुर के 2 लोगों ने आधा दर्जन बेरोजगारों से 50 लाख रुपए वसूल लिए। आरोपियों ने सीएम हाउस में पोस्टिंग और पहुंच होने का दावा किया था, जिसके चलते बेरोजगार युवक-युवती उनके झांसे में आ गए।

करीब एक साल बाद ठगों ने उन्हें फर्जी नियुक्ति आदेश भी थमा दिया। अब इस मामले में उन्होंने पुलिस से शिकायत की है, जिस पर पुलिस ने धोखाधड़ी का केस दर्ज किया है। मामला सिविल लाइन थाना क्षेत्र का है। तोरवा थाना क्षेत्र के हेमूनगर में रहने वाली मोनिषा सिंह ने पुलिस को बताया कि उनका परिचय सुरेश साहू और खिलेश्वरी साहू के माध्यम से दुर्ग में रहने वाली प्रिया देशमुख और अंबिकापुर में रहने वाले रजत गुप्ता से हुआ था। प्रिया स्वास्थ्य विभाग में कर्मचारी है। जबकि, अंबिकापुर के रजत ने खुद को सीएम हाउस में पदस्थ होने का दावा किया था। दोनों ने उन्हें सरकारी नौकरी लगाने का झांसा दिया था।

कई बेरोजगारों से वसूले पैसे

शिकायत में बताया गया कि प्रिया और रजत ने मिलकर मोनिषा के साथ ही उसके परिचित के संतोष कुमार, गौतम बाई, आकाश शर्मा, ज्योतिष, श्यामादेवी को लैब परिचारक, भृत्य और सीएसईबी में नौकरी दिलाने का झांसा देकर अलग-अलग किश्तों में 50 लाख रुपए की वसूली कर ली। पीड़ितों ने ये रकम नगद, खाते में ट्रांजैक्शन और रिश्तेदारों के माध्यम से दी थी।

दुर्ग-अंबिकापुर से चंदेला नगर और रजिस्ट्री ऑफिस आए आरोपी

शिकायत में बताया गया कि पैसों का लेनदेन करने के लिए आरोपी 25 अक्टूबर 2023 से 21 सितंबर 2024 के बीच चंदेला नगर, रजिस्ट्री ऑफिस, तितली चौक, गांधी चौक आए थे। इस दौरान अलग-अलग किश्तों में पैसों की वसूली की गई। वहीं, उन्हें दुर्ग भी बुलाया गया था और वहां भी आरोपियों ने पैसे लिए।

नौकरी मिलने की आस में जमीन और जेवर बेचकर दिए पैसे

बेरोजगारों ने सरकारी नौकरी मिलने की उम्मीद में आरोपियों को यह रकम कर्ज, जेवर और जमीन बेचकर दिए थे। शिकायत में बताया गया कि न तो किसी को नौकरी मिली और न ही पैसे लौटाए गए।

इस दौरान दोनों आरोपी लगातार बहाना बनाते रहे। जब उन्होंने नौकरी के लिए दबाव बनाया तो फर्जी नियुक्ति पत्र थमा दिया गया। जब नियुक्त पत्र फर्जी होने की जानकारी हुई, तब पूरे मामले की शिकायत सिविल लाइन थाने में की। पुलिस ने धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर जांच शरू कर दी है।

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