दुर्गा प्रसाद सेन@बेमेतरा। (Bemetara) जिला मुख्यालय बेमेतरा के साजा विधानसभा क्षेत्र के नगर पंचायत देवकर के गांधी चौक पर एक के बाद एक 4 कौओं की मौत हो गई है। जो चर्चा का विषय बन गया है । जानकारी के मुताबिक नगर पंचायत देवकर के गांधी चौक में एक-एक करके लगातार 4 कौओ की मौत हो गई। जिसके बाद नगर में तरह-तरह की चर्चाएं हो रही है। कई लोग इसे शुभ तो कई लोग इसे अशुभ मान रहे हैं।
क्योंकि हिंदू रीति रिवाज के अनुसार पितृ पक्ष में कौओ को लोग अपने पूर्वज के रूप में देखते हैं। पितृपक्ष में घर पर जो भी पकवान बनाते हैं उसे अपने छत पर कौओं के भोग के लिए रख देते हैं। अगर कौएं ने उनका भोग लगा लिया तो पूर्वजों की आत्मा की संतुष्टि मानते हैं।
आखिर पितृ पक्ष में कौवे का क्या है महत्व
(Bemetara)श्वान और कौवे को पितर का रूप माना जाता है। इसलिए उन्हें ग्रास देने का विधान है। भारत के अलावा दूसरे देशों की प्राचीन सभ्यताओं में भी कौवे को महत्व दिया गया है। प्राचीन समय से एक धारणा चली आ रही है कि यदि कौवा आंगन में आकर कांव-कांव करे, तो घर में जल्द ही कोई मेहमान आता है।
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(Bemetara)गरुड़ पुराण में बताया है कि कौवे यमराज के संदेश वाहक होते हैं। श्राद्ध पक्ष में कौएं घर-घर जाकर खाना ग्रहण करते हैं, इससे यमलोक में स्थित पितर देवताओं को तृप्ति मिलती है। ग्रीक माइथोलॉजी में रैवन (एक प्रकार का कौवा) को अच्छे भाग्या का संकेत माना गया है। वहीं, नोर्स माइथोलॉजी में दो रैवन हगिन और मुनिन की कहानी मिलती है, जिन्हें ईश्वर के प्रति उत्साह का प्रतीक बताया गया है।