Chhattisgarh

आयुर्वेद महाविद्यालय चिकित्सालय में 3934 बच्चों का स्वर्णप्राशन, सुरक्षा किट भी बाटी विश्वविद्यालय प्रबंधन ने

रायपुर। जिले के शासकीय आयुर्वेद महाविद्यालय चिकित्सालय में सोमवार को पुष्य नक्षत्र के अवसर पर 3,934 बच्चों को स्वर्णप्राशन कराया गया। इनमें से 800 बच्चों को स्वर्णप्राशन किट और 350 बच्चों को बाल रक्षा किट भी वितरित की गईं, जो नई दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान द्वारा उपलब्ध कराई गई थीं।

आयुष विभाग की संचालक सुश्री इफ्फत आरा ने बच्चों और उनके परिजनों को ये किट प्रदान कीं और स्वयं बच्चों को स्वर्णप्राशन कराया। इस अवसर पर महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. जी.आर. चतुर्वेदी, छत्तीसगढ़ आयुर्वेदिक चिकित्सा परिषद के रजिस्ट्रार डॉ. संजय शुक्ला और महाविद्यालय की प्रभारी अधीक्षक डॉ. अरुणा ओझा सहित कई प्राध्यापक उपस्थित थे।

स्वर्णप्राशन कार्यक्रम के समन्वयक डॉ. लवकेश चंद्रवंशी ने बताया कि प्रत्येक पुष्य नक्षत्र तिथि पर आयुर्वेद महाविद्यालय चिकित्सालय में शून्य से 16 वर्ष के बच्चों का स्वर्णप्राशन कराया जाता है। यह प्रक्रिया बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता, पाचन शक्ति, स्मरण शक्ति, शारीरिक विकास और रोगों से बचाव में लाभदायक होती है। स्वर्णप्राशन के लिए आने वाले बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण भी किया जाता है। इसी क्रम में आज लगभग चार हजार बच्चों का स्वर्णप्राशन किया गया।

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