बस्तर में नक्सल विरोधी बल बस्तर फाइटर्स के लिए 3202 पदों पर होगी भर्ती: डिप्टी सीएम शर्मा

रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा में आज पुलिस, गृह, जेल, पंचायत एवं ग्रामीण विकास, त्रिस्तरीय पंचायती राज संस्थाओं के वित्तीय सहायता, विज्ञान और प्रौद्योगिकी और तकनीकी शिक्षा एवं रोजगार विभाग के लिए वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए 21,277 करोड़ 28 लाख रूपए से अधिक की अनुदान मांगें पारित की गई।

इसमें पुलिस विभाग से संबंधित व्यय के लिए 8237 करोड़ 13 लाख 16 हजार रूपए, गृह विभाग से संबंधित व्यय के लिए 141 करोड़ 64 लाख 25 हजार रूपए, जेल विभाग के लिए 278 करोड़ 99 लाख 90 हजार रूपए, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के लिए 8055 करोड़ 65 लाख 97 हजार, त्रिस्तरीय पंचायत राज संस्थाओं के वित्तीय सहायता के लिए 4025 करोड़ 76 लाख 69 हजार रूपए, विज्ञान और प्रौद्योगिकी के लिए 64 करोड़ रूपए तथा तकनीकी शिक्षा एवं रोजगार विभाग के लिए 474 करोड़ 8 लाख 4 हजार रूपए की अनुदान मांगे पारित की गई।

उपमुख्यमंत्री शर्मा ने सदन में बताया कि राज्य सरकार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा किए गए एक-एक गारंटी को पूरा करने का काम कर रही है। प्रधानमंत्री मोदी के हर आवासविहीन परिवारों को छत देने का सपना को साकार करने का काम रही है। हमारी सरकार ने प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के तहत राज्य के 18 लाख गरीब परिवारों को पक्का मकान उपलब्ध कराने के लिए पहली कैबिनेट बैठक में ही स्वीकृति प्रदान कर इस दिशा में काम कर रही है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना हमारे सरकार के लिए केवल ईंट और गारे से बने घरों का कार्यक्रम नहीं, बल्कि यह लाखों जरूरतमंदों के सम्मान, सुरक्षा और आत्मनिर्भरता का प्रतीक है।

11 लाख 50 हजार नऐ मकानों की मंजूरी केंद्र सरकार ने दी

उपमुख्यमंत्री शर्मा ने बताया कि भारत सरकार हमारी प्रतिबद्धता को ध्यान में रखते हुए 11 लाख 50 हजार नऐ मकानों की मंजूरी दी, इसके लिए 8 हजार करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया, अब तक 7 लाख 69 हजार मकानों की स्वीकृति दी जा चुकी है और निर्माण कार्य तीव्र गति से जारी है। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय सरकार के नेतृत्व वाले सरकार ने इस वित्तीय वर्ष 2025-26 के बजट में प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के लिए 8500 करोड़ ऐतिहासिक प्रावधान किया गया है। इससे आवासहीन एवं जरूरतमंद परिवारों का स्वयं के मकान का सपना साकार होगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जनजातीय न्याय महाभियान के तहत 26 हजार 426 विशेष पिछड़ी जनजाति के हितग्राहियों को मकानों की स्वीकृति दी गई और उनके खातों में 259 करोड़ की राशि हस्तांतरित की गई है।

प्रदेशवासियों को रोजगार मुहैया करवाया जा रहा

उपमुख्यमंत्री शर्मा ने सदन बताया कि राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के अंतर्गत 2.70 लाख स्व सहायता समूह के माध्यम से 29.14 लाख से अधिक गरीब परिवारों की महिलाओं को जोड़कर विभिन्न आयमूलक गतिविधियों के माध्यम से रोजगार मुहैया कराई जा रही है। योजना के तहत अब तक संगठनों को 6873 करोड़ रूपए से अधिक की राशि आपदा कोष के रूप में जारी किया गया है। पिछले वित्तीय वर्ष में दो लाख महिलाओं को लखपति दीदी बनाने के लक्ष्य के विरूद्ध 2.24 लाख से अधिक महिलाएं लखपति दीदी की श्रेणी में आ चुकी है।

वहीं केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय के सहयोग से नमों ड्रोन दीदी योजना शुरू की गई है। अभी तक 14 ड्रोन दीदी तैयार कर 74 और ड्रोन दीदीयों के लिए प्रशिक्षण दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के आह्वान पर देश में जन आंदोलन के रूप में वृहद स्तर स्वच्छ भारत मिशन अभियान चलाया गया, जिसका उत्साहवर्धक परिणाम प्राप्त हुए हैं। हमारी सरकार इस वर्ष के बजट में स्वच्छ भारत मिशन के लिए 200 करोड़ रूपए का प्रावधान किया है। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत बस्तर संभाग के ऐसे अपूर्ण सड़के जो कि नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में है, सुरक्षा बलों के सहयोग से 204 किलोमीटर की 19 सड़के पूर्ण कर लिया गया है। वहीं 35 वृहद पुलों का निर्माण कर 85 करोड़ रूपए व्यय किया गया हैं। इस वर्ष बजट में नवीनीकरण कार्य हेतु 350 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है।

इसी प्रकार पीएम-जनमन योजना अंतर्गत पीवीजीटी बसाहटों में सड़क निर्माण के लिए 500 करोड़ रूपए का प्रावधान रखा गया है। इसी प्रकार मुख्यमंत्री ग्राम सडक विकास योजना के लिए 92.70 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है इससे 167 किलोमीटर की 66 सड़कों का निर्माण किया जाएगा। इसी प्रकार मुख्यमंत्री ग्राम गौरवपथ योजना के लिए 100 करोड़ का बजट प्रावधान किया गया है। उपमुख्यमंत्री श्री शर्मा ने बताया कि हमारी सरकार ग्रामीण महिलाओ को स्वावलंबी एवं आत्मनिर्भर बनाने तथा आपसी समरसता स्थापित करने के उद्देश्य से 50 करोड़ का प्रावधान किया गया है। इसी प्रकार 70 ग्राम पंचायतों में भवन निर्माण हेतु 14 करोड़ रूपए का प्रावधान है। वहीं प्रदेश सभी पंचायतों में पंचायत राज मंत्रालय के सहयोग से कम्प्यूटर उपलब्ध कराया जाएगा।

लॉ एंड आर्डर के लिए उठाए गए कदम मील का पत्थर साबित हो रहे

उपमुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले एक वर्ष में प्रदेश की कानून-व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए जो ठोस कदम उठाए गए हैं, वे मील का पत्थर साबित हो रहे हैं। विशेष रूप से नक्सल उन्मूलन के क्षेत्र में किए गए प्रयासों से प्रदेश के नक्सल प्रभावित जिलों में विकास कार्य तेज हुए हैं और नक्सलवाद अपनी अंतिम अवस्था में पहुँच चुका है। इस वित्तीय वर्ष में गृह विभाग के लिए पिछले वर्ष की बजट की तुलना में 10 प्रतिशत की वृद्धि की हुई है, जो यह दर्शाती है कि सरकार कानून-व्यवस्था को सुदृढ़ करने और पुलिस बल को आधुनिक संसाधनों से सुसज्जित करने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है।

प्रदेश में पुलिस अधोसंरचना को मजबूत करने के लिए इस बजट में ऐतिहासिक प्रावधान किए गए हैं। पुलिस अधोसंरचना निर्माण के लिए 518 करोड़ की राशि आवंटित की गई है, जो पिछले वर्षों के कुल बजट से भी अधिक है। पिछले बजट में इस मद के लिए 200 करोड़ की राशि रखी गई थी, लेकिन इस बार इसे ढाई गुना से अधिक बढ़ाया गया है। सरकार का यह निर्णय पुलिस बल को अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस करने और उनके कार्यस्थल की गुणवत्ता सुधारने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। पुलिस थानों, प्रशिक्षण केंद्रों, प्रशासनिक भवनों और पुलिस आवासों के निर्माण एवं उन्नयन के लिए यह राशि खर्च की जाएगी।

14 महीनों में 157 मुठभेड़ों में 305 माओवादियों के शव बरामद

नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में हमारी सरकार द्वारा बीते एक वर्ष में अभूतपूर्व कार्य किए गए हैं। प्रदेश के जवान कठिन परिस्थितियों में भी पूरी बहादुरी से नक्सलवाद का सामना कर रहे हैं। बीते 14 महीनों में 157 मुठभेड़ों में 305 माओवादियों के शव बरामद हुए हैं, 396 हथियार और 492 आईईडी पकड़े गए हैं, जबकि 1205 माओवादियों को गिरफ्तार किया गया है। हमारी पुनर्वास नीति एवं सुरक्षा बलों के दबाव के चलते 975 नक्सलियों ने समाज की मुख्यधारा में लौटने के लिए आत्मसमर्पण किया है। यह हमारे सुरक्षा बलों की कार्यकुशलता और सरकार की दूरदर्शी नीतियों का प्रतिफल है।

नक्सल उन्मूलन के लिए इस वर्ष के बजट में कई नए प्रावधान किए गए हैं। बस्तर के सातों जिलों में नक्सल विरोधी बल बस्तर फाइटर्स के लिए 3202 नए पदों के सृजन का निर्णय लिया गया है, जिससे स्थानीय युवाओं को रोजगार के अवसर भी मिलेंगे। नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में पुलिस के प्रशासनिक और आवासीय भवनों के निर्माण को प्राथमिकता दी जा रही है। नक्सल आसूचना तंत्र को और मजबूत करने के लिए नवीन भवन निर्माण एवं उपकरणों के लिए लगभग 2.74 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। इसके अलावा नक्सल विरोधी अभियानों को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए 14 करोड़ की लागत से एक विशेष डब्लूएचएपी वाहन खरीदा जाएगा।

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