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Dismissed: बर्खास्त हुए 3 जज, हाईकोर्ट की अनुशंसा पर राज्य सरकार का आदेश, होटल में अय्याशी करते पकड़ाए थे न्यायाधीश

पटना।  (Dismissed) बिहार सरकार ने तीन न्यायाधिशों को बर्खास्त कर दिया है। इन तीनों न्यायाधीश पर होटल के कमरे में लड़की संग अय्याशी का आरोप है। न्यायाधीशों को बर्खास्तगी 12 फरवरी 2014 से प्रभावी मानी जाएगी। (Dismissed)उन्हें सेवानिवृत्ति के बाद सभी लाभों से वंचित होंगे।

नेपाली अखबार में खबर छपने के बाद मामला आया था प्रकाश में

(Dismissed)जानकारी के मुताबिक मामला 29 जनवरी 2013 का है। जब तीनों जज नेपाल की राजधानी कांठमाडू के विराटनगर में छापेमारी की थी। इस दौरान तीनों जंज एक महिला के साथ पकड़े गए थे। बाद में उन्हें रिहा कर दिया गया। लेकिन मामला तब सामने आया जब इसे लेकर नेपाली अखबार में एक खबर छपी। खबर छपते ही पटना हाईकोर्ट ने इस पूरे मामले को स्वत: संज्ञान में लेते हुए जांच के आदेश दिए थे.जांच में तीनों जज दोषी पाए गए।

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हाईकोर्ट ने बर्खास्त करने की थी अनुशंसा

12 फरवरी 2014 को हाई कोर्ट ने बिहार सरकार को अनुशंसा की थी कि तीनों न्यायाधीशों को सेवा से बर्खास्त किया जाए। उस वक्त तीनों न्यायाधीशों ने सेवा से बर्खास्तगी के फैसले को चुनौती दी थी और आरोप लगाया था कि उनके खिलाफ बिना किसी प्रकार की जांच के ही सेवा से बर्खास्तगी की गई थी. इसके बाद पटना हाई कोर्ट ने 5 जजों की एक समिति बनाकर फिर से इन तीन न्यायाधीशों को बर्खास्त करने का आदेश जारी किया।

बिहार राज्य के सामान्य विभाग ने जारी की अधिसूचना

बिहार राज्य के सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा सोमवार को जारी एक अधिसूचना के अनुसार बर्खास्त किए गए न्यायिक सेवा के अधिकारियों में हरि निवास गुप्ता, जितेंद्र नाथ सिंह और कोमल राम शामिल हैं। अधिसूचना में पटना उच्च न्यायालय द्वारा जारी एक पत्र का उद्धरण है

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