Chhattisgarh

Gariyaband: जानिए क्या हुआ कि 5 गांव के किसानों के साथ भाजयुमों का फूटा गुस्सा, दे डाली ये चेतावनी

रवि तिवारी @देवभोग(Gariyaband) 15 साल पहले एनासर जल उत्प्लावन योजना के तहत किसानों की जमीन का अधिग्रहण किया गया था। वहीं जमीन अधिग्रहण करने के बाद संबंधित किसान के जमीन पर  नहर निर्माण कार्य भी पूरा हो चुका है,आज कार्य पूरा होकर लगभग 15 साल बीत चुका हैं लेकिन आज तक किसानों को मुआवजा राशि नहीं मिल पाया हैं। आये दिन अधिकारियों का चक्कर काटने के बाद भी जिम्मेदारों द्वारा उचित कदम नहीं उठाए जाने के चलते नाराज किसानों ने भाजयुमो के जिलाध्यक्ष डॉक्टर योगिराज माखन कश्यप के नेतृत्व में देवभोग नगर से करीब एक किलोमीटर का पदयात्रा कर एसडीएम दफ्तर पहुँचे। नाराज किसानों ने शासन-प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए अपना आक्रोश व्यक्त किया। एसडीएम दफ्तर पहुँचे उरमाल,जामगॉव, रोहनागुड़ा, मूंगिया और कुर्मीबाशा के किसानों ने सिंचाई विभाग के अधिकारियों पर आरोप लगाया कि आज से 15 साल पहले सन 2005 में जब काम चालू किया गया तो Gariyaband)उस दौरान विधिवत रूप से निर्माण के पूर्व भूमि अधिग्रहण अनुबंध नहीं किया गया। नाराज किसानों ने ज्ञापन सौंपते हुए तहसीलदार समीर शर्मा को बताया कि यदि 15 दिनों के अंदर उनका मुआवज़ा राशि नहीं मिलता है तो उग्र आंदोलन कर नेशनल हाईवे 130 सी में चक्काजाम किया जाएगा। भाजयुमो के जिलाध्यक्ष डॉक्टर योगिराज माखन कश्यप ने कहा कि बीजेपी किसानों के साथ खड़ी हैं। उन्होंने यह भी कहा Gariyaband)कि किसानों के हक की लड़ाई में बीजेपी अंतिम दम तक किसानों का साथ देगी।

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किसानों ने रखी यह मांग

ज्ञापन सौंपने पहुँचे किसानों ने ज्ञापन में मांग रखी हैं कि तत्कालीन अधिकारियों ने बिना भूमि अधिग्रहण अनुबंध किये बिना हमारे जमीन को जबरदस्ती निर्माण कार्य में उपयोग किया है,ऐसे में तत्कालीन अधिकारी एवं ठेकेदार के ऊपर एफआईआर दर्ज होना चाहिए। मुआवज़ा दिलवाने के लिए कई बार विभाग के कर्मचारी पैसे की मांग करते हैं, उन पर भी कार्रवाई होनी चाहिए। वहीं 2005 में जब नहर निर्माण कार्य हुआ तब धारा 07 का कोई प्रावधान नहीं था नियमतः धारा 07,धारा 11,धारा 19 भूमि अधिग्रहण अनुबंध के समय निष्पादित होना था,जो अधतन अपूर्ण है एवम नियम अनुरूप 2005 में निर्माण कार्य हुआ,एवम 2013 में धारा 07 का उपयोग लाया गया तो उक्त समयानुसार धारा 07 की जरूरत नहीं हैं।

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