दिल्ली। अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने 26/11 मुंबई आतंकी हमले के संदिग्ध तहव्वुर राणा की आपातकालीन याचिका को अस्वीकार कर दिया है। राणा ने अपनी याचिका में यह तर्क दिया था कि उसे भारत में मुस्लिम और पाकिस्तानी मूल के कारण प्रताड़ित किया जाएगा, लेकिन कोर्ट ने उसकी बातों को खारिज कर दिया। इसके साथ ही, राणा का भारत प्रत्यर्पण अब आसान हो गया है।
राणा पर आरोप है कि उसने लश्कर-ए-तैयबा (LeT) के आतंकवादियों को मुंबई हमले की योजना बनाने और उसे अंजाम देने में मदद की थी। इस हमले में 166 लोग मारे गए थे, जिनमें छह अमेरिकी नागरिक भी शामिल थे। राणा को उसके साथी डेविड कोलमैन हेडली के साथ काम करने का दोषी ठहराया गया है, जो इस हमले का प्रमुख साजिशकर्ता था।
राणा ने अमेरिका की अदालत में लगाई थी याचिका
राणा ने अमेरिकी अदालत में याचिका दाखिल की थी, जिसमें उसने कहा था कि भारत में उसे यातना का सामना करना पड़ सकता है। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने उसकी याचिका को अस्वीकार कर दिया, जिससे राणा के भारत प्रत्यर्पण की प्रक्रिया अब तेज हो सकती है। पिछले महीने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी घोषणा की थी कि राणा को भारत प्रत्यर्पित किया जाएगा, ताकि वह 26/11 मुंबई हमले में अपनी संलिप्तता के लिए भारत में मुकदमे का सामना कर सके।