दुर्ग। छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में बेरोजगार युवाओं को सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर करीब 22 लाख रुपए की ठगी का मामला सामने आया है। आरोपी किसी राजनीतिक पार्टी से जुड़े बताए जा रहे हैं। उन्होंने अपनी पहुंच दिखाकर युवाओं को सरकारी नौकरी का झांसा दिया और पैसे वसूल किए।
मामला पुलगांव थाना क्षेत्र का है। पुलिस ने जांच के बाद खाद निरीक्षक, पर्यवेक्षक और चपरासी जैसे पदों पर नौकरी देने का झांसा देने वाले चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इनमें मास्टरमाइंड मनोज साहू के साथ नेता मुकेश वर्मा, उनके भांजे रजत वर्मा और टाइपिंग सेंटर संचालक महेश हिरावं शामिल हैं।
जांच में सामने आया कि आरोपियों ने व्हाट्सऐप के माध्यम से फर्जी नियुक्ति पत्र भेजकर युवाओं को झांसा दिया। नियुक्ति पत्र में ज्वाइनिंग डेट को बार-बार बदल दिया जाता था। इसके पीछे बहाने बनाए जाते थे जैसे कैबिनेट की बैठक, आचार संहिता या राज्य में केंद्रीय मंत्रियों का दौरा।
पीड़ितों में महमरा के दीपेश कुमार निषाद (26 वर्ष) भी शामिल हैं। उन्होंने बताया कि उन्हें खाद निरीक्षक के पद के लिए चार लाख रुपए की मांग की गई थी, जिसमें दो लाख रुपए उन्होंने नकद और ऑनलाइन ट्रांसफर किए। बाद में उन्हें फर्जी ज्वाइनिंग लेटर भेजा गया, लेकिन नौकरी नहीं मिली।
फर्जी नियुक्ति पत्र भिलाई के सेक्टर-6 स्थित टाइपिंग सेंटर में तैयार किए जाते थे। इसमें महेश हिरावं की मुख्य भूमिका थी। जांच में पता चला कि अब तक 8 से अधिक बेरोजगारों से 22 लाख रुपए वसूले जा चुके हैं।
पुलिस ने आरोपियों के पास से फर्जी नियुक्ति पत्र, मोबाइल फोन और अन्य दस्तावेज जब्त किए हैं। आरोपियों ने पूछताछ में अपने जुर्म की स्वीकारोक्ति की।