210 नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण, सरकार देगी मकान-जमीन और 3 साल तक आर्थिक सहायता

जगदलपुर। छत्तीसगढ़ के बस्तर में नक्सल प्रभावित क्षेत्रों से बड़ी खबर सामने आई है। शुक्रवार को कुल 210 नक्सलियों ने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण किया, जिनमें 140 ने गुरुवार को बस्तर में और 60 से अधिक ने कांकेर में सरेंडर किया था। आत्मसमर्पण करने वालों ने 153 हथियार पुलिस को सौंपे।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि सभी सरेंडर नक्सलियों को सरकार की पुनर्वास नीति के तहत मकान, जमीन और तीन साल तक आर्थिक सहायता दी जाएगी, ताकि वे समाज की मुख्यधारा में लौट सकें। पुलिस लाइन परिसर में आयोजित कार्यक्रम में आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों का भारतीय संविधान की किताब और गुलाब देकर स्वागत किया गया।
कार्यक्रम के दौरान सेंट्रल कमेटी मेंबर सतीश उर्फ टी. वासुदेव राव उर्फ रूपेश, जो माड़ डिवीजन में सक्रिय था और जिस पर 1 करोड़ रुपए का इनाम था, को विशेष सुरक्षा के साथ कार से लाया गया। अन्य नक्सलियों पर भी 5 से 25 लाख रुपए तक के इनाम घोषित थे।
डिप्टी सीएम और गृह मंत्री विजय शर्मा ने बताया कि केंद्र सरकार ने 31 मार्च 2026 तक नक्सलवाद समाप्त करने का लक्ष्य तय किया है। उन्होंने कहा कि “माता-पिता के सुख से वंचित नक्सलियों को मेडिकल ट्रीटमेंट और पुनर्वास की सुविधा दी जाएगी।”
उन्होंने बताया कि माड़ डिवीजन की पूरी कमेटी ने आत्मसमर्पण कर दिया है, जबकि गढ़चिरौली यूनिट लौट चुकी है और केशकाल यूनिट का सरेंडर बाकी है। शर्मा ने कहा कि नक्सलियों ने महसूस किया कि सरकार से भी बड़ा समाज होता है, इसलिए उन्होंने समाज की ओर लौटने का रास्ता चुना।