
मनीष सवरैया@महासमुंद। जिले के 1789 आंगनबाड़ी केंद्रों में महिलाओं और बच्चों को योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है..बजट के अभाव में जिले में सरकार की योजनाएं ठप पड़ गई है। बता दें कि महासमुंद जिले में 1789 आंगनबाड़ी केंद्र हैं. जिसमे 0-6 वर्ष के बच्चों की संख्या 9400 हैं, जिसमें गर्भवती महिलाओं की संख्या 7822 और पोषक माताओं की संख्या 6677 एवं एनिमिक महिला और बच्चों की लक्षित संख्या 9895 हैं। छत्तीसगढ़ राज्य सरकार और केंद्र सरकार द्वारा गरम भोजन, रेडी तो ईट, मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान चल रहा था। जिसमें रेडी टू इट और मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान अप्रैल महीने से बजट के अभाव में बंद हो गया है।
मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान के तहत एक से तीन साल के बच्चों को, गर्भवती महिलाओं और किशोरी बालिका को गरम पोषण दिया जाता था। एनिमिक से निजात दिलाने इस योजना को पूरे प्रदेश में चलाया जा रहा था। वहीं रेडी-टू-इट में प्रोटीन, मिनरल, वसा की प्रचुर मात्रा में दी जा रही थी। जिसका पिछले एक माह से पूरे जिले में बंद कर दिया गया है। वर्तमान में बच्चों को गरम भोजन दिया जा रहा है उसमें भी रोटी बच्चों को नहीं मिल पा रही है।