रायपुर। छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद के खिलाफ बड़ी सफलता मिली है। शुक्रवार को जगदलपुर में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के सामने करीब 200 नक्सली औपचारिक रूप से आत्मसमर्पण करेंगे। इनमें गुरुवार को बस्तर में हथियार डालने वाले 140 और कांकेर में सरेंडर कर चुके 60 नक्सली शामिल हैं। कार्यक्रम सुबह 11 बजे आयोजित होगा, जिसमें डिप्टी सीएम व गृह मंत्री विजय शर्मा पहले से मौजूद हैं।
गुरुवार को नक्सल संगठन के सेंट्रल कमेटी मेंबर और प्रवक्ता सतीश उर्फ टी. वासुदेव राव उर्फ रूपेश ने भी सरेंडर किया था। वह माड़ डिवीजन में सक्रिय था और उस पर 1 करोड़ रुपये का इनाम घोषित था। बाकी नक्सलियों पर 5 से 25 लाख तक का इनाम था। नक्सली AK-47, INSAS, SLR और .303 जैसी राइफलें लेकर इंद्रावती नदी के उसपरी घाट पहुंचे, जहां से उन्हें बीजापुर पुलिस के पास लाया गया।
सरेंडर के बाद रूपेश ने एक वीडियो जारी कर कहा कि वे हथियार छोड़ रहे हैं, लेकिन आदिवासियों के अधिकारों के लिए संघर्ष जारी रहेगा। आत्मसमर्पण करने वालों में 10 सीनियर नक्सली भी शामिल हैं।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि जनवरी 2024 से अब तक छत्तीसगढ़ में 2100 नक्सली आत्मसमर्पण कर चुके हैं, 1785 गिरफ्तार हुए हैं और 477 मारे गए हैं। उन्होंने कहा कि यह प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में नक्सलवाद को 31 मार्च 2026 से पहले समाप्त करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। पिछले दो दिनों में छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र में कुल 258 नक्सलियों ने हथियार डालकर मुख्यधारा में लौटने का फैसला किया है। शाह ने कहा कि नक्सलवाद अब अपनी अंतिम सांसें ले रहा है और अबूझमाड़ तथा उत्तर बस्तर जल्द ही हिंसा मुक्त होंगे।